Success Story: कभी दिल्ली की सड़कों पर रिक्शा खींचने वाला शख्स आज है दो कैब कंपनियों का मालिक
दिलखुश ने साल 2016 में अपनी कंपनी AryaGo की स्थापना की। इसके अलावा उन्होंने RodBez नाम के कैब कंपनी की भी स्थापना की है। आज उनकी कंपनी के नेटवर्क में करीब 4000 कार हैं।

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कभी चपरासी की नौकरी से रिजेक्ट होने वाला, दिल्ली की सड़कों पर रिक्शा खींचने वाला शख्स आज करोड़ों की कैब कंपनी का मालिक है। उसके पास में एक नहीं दो कंपनियां हैं। जी हां, ये कहानी है बिहार के सहरसा जिले के दिलखुश कुमार की। बेहद खराब और गरीबी के हालात में जीवन जीने वाले दिलखुश कुमार की कहानी आज अनेक लोगों की प्रेरणा है। आज दिलखुश खुद ही सैकड़ों लोगों को रोजगार मुहैया करा रहे हैं। आइए इस खबर में जानते हैं दिलखुश की कहानी को...

रिक्शा चलाते थे दिलखुश
दिलखुश ने शुरू में कार की ड्राइवरी करनी चाही थी। उनके पिता भी बिहार में बस ड्राइवर थे। उन्होंने पटना में चपरासी की नौकरी के लिए इंटरव्यू दिया था हालांकि, इसमें वो रिजेक्ट हो गए थे। इसके बाद वह नौकरी के लिए दिल्ली पहुंचे। हालांकि, यहां भी उन्हें विफलता ही हाथ लगी। किसी भी कार के मालिक ने उन्हें अपनी कार चलाने नहीं दी। इसके बाद उन्होंने पैडल वाली रिक्शा चलाने का फैसला किया।
रिक्शा चलाने के कुछ ही दिनों बाद दिलखुश की तबीयत बिगड़ने लगी। इसके बाद उनके घर वालों ने उन्हें वापस बुला लिया। इसके बाद उन्होंने पटना में फायरवर्क का काम किया और एक मारुति 800 चलाने की नौकरी भी की। दिलखुश के पिता भी बेहद कम वेतन पाते थे। इस कारण बचपन से ही उनकी पढ़ाई अच्छी नहीं हो सकी। दिलखुश, 12वीं में सेकंड डिविजन और 10वीं में थर्ड डिविजन से पास हुए थे। इसके अलावा 18 साल की ही उम्र में उनकी शादी भी हो गई थी।
दिलखुश ने साल 2016 में अपनी कंपनी AryaGo की स्थापना की। इसके अलावा उन्होंने RodBez नाम के कैब कंपनी की भी स्थापना की है। आज उनकी कंपनी के नेटवर्क में करीब 4000 कार हैं। इसके माध्यम से वह 500 के करीब लोगों को रोजगार मुहैया करा रहे हैं। 29 साल के दिलखुश आज कईयों की प्रेरणा हैं।