सीट का इतिहासः मुख्यालय की सदर सीट है। यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। वर्तमान में इस सीट पर भाजपा का कब्जा है। भाजपा से पल्टू राम विधायक है। इससे पूर्व यह सीट सपा के कब्जे में थी। पूर्व में बलरामपुर लोक सभा क्षेत्र था। यह पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई तथा राष्ट्रऋषि नाना जी देशमुख की कर्मस्थली रही है।
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जाति |
मतदाता |
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मुस्लिम |
96 हजार |
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कंहार, प्रजापति, गौड़ व अन्य |
55 हजार |
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वर्मा
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40 हजार |
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ब्राहमण |
38 हजार |
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यादव |
35 हजार |
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पासी |
35 हजार |
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कोरी |
30 हजार |
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ठाकुर |
20 हजार |
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सोनकर व अन्य |
12 हजार |
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चमार |
10 हजार |
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वैश्य |
9 हजार |
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कायस्थ |
7 हजार |
बलरामपुर राज परिवार द्वारा बसाए गए इस नगर में स्थापत्य कला के कई भवन स्थापित है। इनमें सिटी पैलेस सबसे प्रमुख है। झारखंडी महादेव मंदिर के साथ-साथ बलरामपुर चीनी मिल समूह की प्रथम इकाई मौजूद है।
जिला बनने के 23 साल बाद भी यहां पर मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। शहर में यातायात अधिक होने से आएदिन जाम लगता है। तकनीकी शिक्षण संस्थानों की कमी है। युवाओं को तकनीकी शिक्षा लेने के लिए अन्य शहरों में जाना पड़ता है।
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