सीट का इतिहास
शहर से सटी ठाकुर बाहुल्य इस सीट इतिहास दिलचस्प है। 70 और 80 के दशक में कांग्रेस के सुरेंद्र सिंह चौहान और जनता पार्टी के संग्राम सिंह के बीच टक्कर रहा करती थी। सुरेंद्र सिंह चौहान जेल, न्याय, विधि और गृह मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे। 90 के दशक में दलवीर सिंह ने सुरेंद्र सिंह चौहान को हराया। 1993 में भाजपा के मुनीष गौड़ विधायक बने।1996 में दलवीर सिंह चुनाव जीतकर प्रदेश में मंत्री भी बने। 2002 व 2007 में बसपा के जयवीर विधायक बनकर मंत्री भी बने। यहां हमेशा दो खेमे रहे हैं और दो प्रत्याशियों के बीच ही लड़ाई रही है।
| जाति | मतदाता |
| ठाकुर | 90 हजार |
| ब्राह्मण | 35 हजार |
| मुस्लिम | 35 हजार |
| दलित | 30 हजार |
| लोधी | 25 हजार |
| जाट | 25 हजार |
| बघेल | 25 हजार |
| वैश्य | 10 हजार |
खेती किसानी की समस्याएं, चीन मिल का जीर्णोद्धार न होना।
कासिमपुर ताप विद्युत परियोजना, साथा चीनी मिल।
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