सीट का इतिहास
1993 में यहां से कांग्रेस से जगदंबिका पाल विधायक हुए। वे तीन बार यहां से विधायक रहे। 2007 में जगदंबिका पाल को बसपा के जितेंद्र उर्फ नंदू चौधरी ने शिकस्त दी। 2012 में फिर नंदू चौधरी ने जगदंबिका पाल के बेटे अभिषेक पाल को हराकर सीट जीती। 2017 के चुनाव में भाजपा के दयाराम चौधरी ने सीट पर जीत का परचम लहराया।
| जाति | मतदाता |
| ब्राह्मण | 55 हजार |
| मुस्लिम | 43 हजार |
| कुर्मी | 37 हजार |
| यादव | 28 हजार |
| ठाकुर | 25 हजार |
| वैश्य | 15 हजार |
| कायस्थ | 13 हजार |
| भूमिहार | सात हजार |
| अन्य | 90 हजार |
जर्जर सड़कें, बंद पड़ी चीनी मिल, कुआनो नदी पर घाटों का निर्माण न होना।
रविदास वन विहार, केतेश्वर पार्क, भादेश्वर नाथ मंदिर।
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