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भगवंतनगर विधानसभा चुनाव 2022 परिणाम

आशुतोष शुक्ला
भाजपा जीत
विधानसभा क्षेत्र श्रेणी
सामान्य
कुल निर्वाचक
-
कुल मतदान
-
मतदान प्रतिशत
-
विजेता के वोट
-
वोट प्रतिशत
--
जीत का अंतर
-
मार्जिन प्रतिशत
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भगवंतनगर विधानसभा 2022 सीट प्रत्याशी

प्रत्याशी
पार्टी
निर्दलीय
राष्ट्रीय समाज पक्ष
आजाद समाज पार्टी (काशीराम)

सीट का इतिहास : बैसवारा का गौरवमयी इतिहास संजोए जिले की सबसे बड़ी विधानसभा सीट भगवंतनगर में विकास अपेक्षा के अनुरूप रफ्तार नहीं पकड़ पाया। इस क्षेत्र के आवागमन का मुख्य माध्यम उन्नाव-रायबरेली मार्ग को कई चुनावों में मुद्दा बनाकर प्रत्याशियों ने विधानसभा तक का सफर तय किया। लेकिन इस मार्ग के हालात नहीं बदले। रायबरेली और फतेहपुर जिले की सीमाओं से सटी भगवंतनगर विधानसभा सीट पर अधिकांश समय कांग्रेस का कब्जा रहा। स्वाधीनता संग्राम सेनानी स्व. भगवती सिंह विशारद यहां से सात बार विधायक रहे। आजादी के बाद 19952 और 1962 में कांग्रेस के देवदत्त मिश्रा ने विधानसभा में क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। 1957 में पहली बार प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से चुनाव जीतने वाले भगवती सिंह विशारद ने 1969 में कांग्रेस का दामन थामा और चुनाव में जीत दर्ज की। इसके बाद वह 1974, 1980, 1985, 1991 में भी जीते। 1970, 1989 और 1993 में जनता पार्टी के चौधरी देवकीनंदन पर जनता ने अपना विधायक चुना। चौधरी देवकीनंदन के निधन से रिक्त हुई सीट के उपचुनाव में सपा के डॉ. शिव सागर लाल वर्मा ने क्षेत्र का नेतृत्व किया।।1996 में भाजपा से कृपा शंकर सिंह निर्वाचित हुए जो पुन: बसपा से 2007 में चुने गए, 2002 में बसपा से नत्थू सिंह विजयी रहे और 2012 में क्षेत्र के लोगों ने सपा के कुलदीप सिंह सेंगर को विधायक चुना। इसके बाद हुए 2017 के चुनाव में भाजपा के ह्रदयनारायण दीक्षित को जनता ने विधानसभा भेजा। ह्रदयनारायण दीक्षित इस समय उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हैं। इस लिहाज से यह सीट वीआईपी भी मानी जाती है।

कुल मतदाता : 406823
पुरुष : 220490
महिला :186328
 

जाति मतदाता
ब्राह्मण 70 हजार
क्षत्रिय 48 हजार
रैदास 44 हजार
रावत 36 हजार
लोधी 36 हजार
कुर्मी   34 हजार
यादव 31 हजार
मुस्लिम 23 हजार
  • अपने विधायक को जानें
  • ह्रदय नारायण दीक्षित (भाजपा)।
  • उम्र : 69 
  • शिक्षा : पोस्ट ग्रेजुएट
  • वह वर्तमान में विधानसभा अध्यक्ष भी हैं।

 

  • क्षेत्र के बड़े मुद्दे

उन्नाव-रायबरेली मार्ग बदहाल पड़ा है। सीमावर्ती इलाकों में पेयजल संकट रहता है। सड़कें भी बदहाल हैं।

  • क्षेत्र के प्रमुख स्थल

सिद्धपीठ चंद्रिका देवी बक्सर धाम, राजा रावराम बक्श सिंह स्मारक डौंडिया खेड़ा, पाटन का तकिया मेला, साहित्यकार पं. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, शिवमंगल सिंह सुमन, बैजेगांव बेथर के हिंदी के पुरोधा पं. प्रताप नारायण मिश्र, कवि पं. गया प्रसाद शुक्ल सनेही, हास्य कवि काका बैसवारी, मगरायार के बलई काका, अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद का गांव बदरका, मानपुर में राजकीय पालीटेक्निक।

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