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बिसौली (एससी) विधानसभा चुनाव 2022 परिणाम

आशुतोष मौर्या उर्फ राजू
सपा जीत
विधानसभा क्षेत्र श्रेणी
SC सीट
कुल निर्वाचक
-
कुल मतदान
-
मतदान प्रतिशत
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विजेता के वोट
-
वोट प्रतिशत
--
जीत का अंतर
-
मार्जिन प्रतिशत
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बिसौली (एससी) विधानसभा 2022 सीट प्रत्याशी

प्रत्याशी
पार्टी
निर्दलीय
कांग्रेस
निर्दलीय
संयुक्त समाजवादी दल
जन अधिकार पार्टी
  • सीट का इतिहास

बिसौली विधानसभा सपा का गढ़ मानी जाती रही है। योगेंद्र कुमार उर्फ कुन्नू बाबू दो बार सपा के टिकट पर विधायक चुने गए। कुन्नू बाबू के पिता बाबू ब्रज बल्लभ वर्ष 1980 में यहां से विधायक चुने गए। उन्होंने पूर्व मंत्री शिवराज सिंह को लगभग चार हजार मतों से शिकस्त दी थी। 2007 में राष्ट्रीय परिवर्तन दल के अध्यक्ष डीपी यादव की पत्नी उमलेश यादव चुनाव जीती थीं। एक बार यहां से भाजपा के टिकट पर दयासिंधु शंखधार ने विजय हासिल की। आरक्षण में सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित होने पर सपा से आशुतोष मौर्या उर्फ राजू चुनाव जीते। 2017 में भाजपा से कुशाग्र सागर ने 12 हजार वोटों से सपा प्रत्याशी राजू को हराया। कुशाग्र सागर भाजपा सरकार में पूर्व मंत्री रहे योगेंद्र सागर के पुत्र हैं। 

  • अपने विधायक को जानें 

कुशाग्र सागर (भाजपा)
शिक्षा : इंटर

  • क्षेत्र के बड़े मुद्दे 

खराब सड़कें, बाईपास न होने, रोजगार के समुचित साधन नहीं होने, फायर बिग्रेड स्टेशन, बिजली यहां बड़े मुददे हैं। गांवों में बिजली पहुंचती है लेकिन सप्लाई और लो वोल्टेज की दिक्कत बनी रहती है। एकमात्र सोत नदी के सूखने, वर्षों से नहर की मांग पूरी न होना बड़ी समस्या है।

  • क्षेत्र के प्रमुख स्थल

आल्हा ऊदल के समय से स्थापित प्रसिद्ध हथौड़ा देवी मंदिर, ऐतिहासिक-रुहेला नवाब दूदे खां का प्राचीन किला, हिन्दू व मुस्लिम धर्म के मेले व उर्स का समय-समय पर आयोजन यहां की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान है। बिसौली की यदु शुगर मिल भी क्षेत्र की पहचान के तौर पर जानी जाती है।

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