सीट का इतिहासः यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह व उनके बेटे फतेहबहादुर सिंह की परंपरागत सीट है। फतेहबहादुर सिंह इस सीट से 1991 से लगातार विधायक हैं। अलग-अलग दलों का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। 2017 का विधानसभा चुनाव 2,16,710 वोट पड़े थे। भाजपा को 91,636 वोट मिले थे। वहीं सपा-कांग्रेस की संयुक्त प्रत्याशी व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चिंता यादव को 58782 वोट मिले थे। फतेहबहादुर सिंह को 32854 वोटों के अंतर से जीत मिली थी। फतेहबहादुर सिंह बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।
| जाति | मतदाता |
| निषाद | 45 हजार |
| कायस्थ | 40 हजार |
| एससी | 40 हजार |
| ब्राह्मण | 38 हजार |
| क्षत्रिय | 35 हजार |
| यादव | 35 हजार |
| मुस्लिम | 35 हजार |
| वैश्य | 25 हजार |
| कुर्मी | 25 हजार |
| सैंथवार | 15 हजार |
| मौर्य | 15 हजार |
| एसटी | 4 हजार |
बाढ़ की समस्या, ग्रामीण क्षेत्रों की खराब सड़कें। औद्योगिक इकाइयों की स्थापना।
करमैनी के पास प्रसिद्ध गौरीशंकर मंदिर है। भरोहिया में पितेश्वरनाथ मंदिर भी है। यहां का सरूआ ताल आकर्षण का केंद्र है। साथ ही मछली पालन के लिए जाना जाता है। वन क्षेत्र भी बहुत है।
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