सीट का इतिहास
छपरौली विधानसभा सीट को रालोद का अभेद्य किला माना जाता है। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से तीन बार विधायक बने। इसके बाद पार्टी के अन्य नेता विधायक बनते रहे। 1991 में चौधरी चरण सिंह के पुत्र और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजित सिंह यहां से विधायक बने। इसके बाद पार्टी के अन्य प्रत्याशी लगातार जीतते रहे। वर्ष 2017 में भी यहां से रालोद के सहेंद्र सिंह रमाला विधायक चुने गए, लेकिन बाद में उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया।
| जाति | मतदाता |
| जाट | एक लाख 50 हजार |
| मुस्लिम | 90 हजार |
| गुर्जर | 70 हजार |
| अन्य | 10 हजार |
किसानों की समस्याओं से जुड़े मुद्दे अहम हैं।
साईं बाबा मंदिर, देवी मंदिर।
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