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छर्रा विधानसभा चुनाव 2022 परिणाम

रवेंद्र पाल सिंह
भाजपा जीत
विधानसभा क्षेत्र श्रेणी
GEN सीट
कुल निर्वाचक
-
कुल मतदान
-
मतदान प्रतिशत
-
विजेता के वोट
-
वोट प्रतिशत
--
जीत का अंतर
-
मार्जिन प्रतिशत
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छर्रा विधानसभा 2022 सीट प्रत्याशी

प्रत्याशी
पार्टी
कांग्रेस
निर्दलीय
आम आदमी पार्टी
जन अधिकार पार्टी
बसपा
निर्दलीय
भारतीय सुभाष सेना
निर्दलीय

सीट का इतिहास
2012 में गंगीरी से छर्रा विधानसभा बदली। यादव बाहुल्य सीट पर 70-80 के दशक में दो यादव परिवार तिलक सिंह यादव और बाबू सिंह यादव के बीच हार जीत होती रही। बाबू सिंह यादव सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी रहे। उनके देहांत के बाद बाबू सिंह के बेटे वीरेश यादव को टिकट मिला। उनके सामने लोध नेता और कल्याण सिंह के करीबी भाजपा के डॉ. राम सिंह प्रत्याशी रहे। 1990 से लेकर 2007 तक दोनों में हार जीत होती रही। 2012 में क्षेत्र का यादव बाहुल्य इलाका अतरौली में शामिल हो गया। तब से यह सीट ठाकुर व लोध बाहुल्य हो गई। 2012 में सपा के युवा ठाकुर नेता राकेश सिंह विधायक बने। 2017 में ठाकुर नेता रवेंद्रपाल सिंह भाजपा से जीते।

  • कुल मतदाता 369710
  • पुरुष मतदाता 198288
  • महिला मतदाता 171422
जाति     मतदाता
ठाकुर     80 हजार 
मुस्लिम     35 हजार 
यादव     30 हजार 
दलित     30 हजार
लोधी     25 हजार 
बघेल     20 हजार 
ब्राह्मण     20 हजार
खटीक     20 हजार
वैश्य     15 हजार
धोबी     15 हजार
कश्यप     15 हजार
जाट     10 हजार
अन्य     25 हजार
  • अपने विधायक को जानें
  • ठा. रवेंद्र पाल सिंह (भाजपा)
  • उम्र    57 वर्ष
  • शिक्षा    10वीं 

 

  • क्षेत्र के बड़े मुद्दे

सांकरा के गंगा खादर में विकास न होना, अधूरा पड़ा अलीगढ़-बदायूं से जोड़ने वाला पुल  सड़क, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी मूलभूत जरूरतें।

  • प्रमुख स्थल

गंगा खादर क्षेत्र, किसान मंडी।

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