सीट का इतिहास : विधानसभा कर्नलगंज में मौजूदा समय में भाजपा से अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भैय्या विधायक हैं। विधानसभा चुनाव 2012 में सपा से योगेश प्रताप सिंह ने जीत दर्ज की थी। वर्ष 2007 में कांग्रेस से अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भैय्या ने जीत दर्ज की थी, लेकिन एक साल बाद उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था। 2009 उपचुनाव में उनकी बहन बृज कुंवरि सिंह ने बसपा से जीत दर्ज कराई थी। 2002 में सपा से योगेश प्रताप सिंह ने जीते। वर्ष 2002 से पूर्व 1996, 1993, 1991, 1989 में भाजपा से अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भैय्या ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी।
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जाति |
मतदाता |
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ब्राह्मण मतदाता |
80 हजार |
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यादव |
55 हजार |
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क्षत्रिय |
49 हजार |
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मुस्लिम |
45 हजार |
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अनुसूचित जाति |
36 हजार |
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कायस्थ |
10 हजार |
बाढ़, गर्मी के मौसम में अग्निकांड की समस्या को देखते हुए अग्निशमन केंद्र की मांग होती है। लेकिन आज तक अग्निशमन केंद्र का निर्माण नहीं हुआ।
करनैलगंज में पौराणिक नदी सरयू का जल प्रवाह, हर पूर्णमासी व अमावस्या पर मेला लगता है। 100 साल से अधिक समय से करनैलगंज व सकरौरा में रामलीला का मंचन होता है। 1856 में गोंडा जिला बना था, तब पहले कलेक्ट्रेट के रूप में कर्नल ब्यालू थे। इन्होंने सकरौरा में ही छावनी बनाई थी। परसपुर के पसका में सरयू-घाघरा का संगम स्थल जिसे त्रिमुहानी कहते हैं। यही राजापुर सूकर खेत में गांव में मानस रचियता गोस्वामी तुलसीदास जी का जन्म हुआ था। आज भी उनके पिता आत्माराम टेपरा के नाम से खतौनी में भूमि दर्ज है।
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