सीट का इतिहास
यूपी विधानसभा की यह अंतिम सीट है। यहां भी अनुसूचित जनजाति का आरक्षण है। इस सीट से गोंड़ जनजाति के विजय सिंह लगातार सात बार विधायक रहे हैं। वह वर्ष 2002 से 2007 तक सपा सरकार में राज्य मंत्री भी रहे। वर्ष 2012 में यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुई थी। मौजूदा समय में अपना दल-एस के टिकट पर हरिराम चेरो विधायक हैं। जनजाति की प्रमुख जाति गोंड़ यहां सर्वाधिक संख्या में है।
| जाति | मतदाता |
| गोंड़ | 48 हजार |
| दलित | 33 हजार |
| वैश्य | 29 हजार |
| खरवार | 25 हजार |
| ब्राह्मण | 20 हजार |
| मुस्लिम | 18 हजार |
| यादव | 18 हजार |
| वैसवार | 13 हजार |
| चेरो | 12 हजार |
| अगरिया | 10 हजार |
| घसिया | 10 हजार |
| क्षत्रिय | 10 हजार |
| अन्य | 40 हजार |
पेयजल, सड़क, रोजगार, शिक्षा का अभाव, अधूरी पड़ी कनहर परियोजना।
संकट मोचन और शिव मंदिर, जोरकहू पर्यटन स्थल, जनजाति संस्कृति।
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