सीट का इतिहास : इस सीट पर भाजपा और सपा दोनों के ही प्रत्याशियों का कब्जा रहा है। गंगा प्रसाद वर्मा विभिन्न दलों से छह बार विधायक रहे। उनके ज्येष्ठ पुत्र प्रजापालन वर्मा 2007 में भाजपा से विधायक रहे। जबकि 2017 के चुनाव में उनके छोटे पुत्र विपिन वर्मा डेविड विधायक चुनकर आए। इस तरह परिवार में दस बार इसी सीट पर विधायकी रही है। 2007 में बसपा की लहर के बावजूद प्रजापालन ने भाजपा से इस सीट को जीता था। हालांकि 2012 में सपा की लहर में उलटफेर हुआ और आशीष यादव जीते। क्षेत्र में यादव, लोधी, वैश्य और ब्राह्मण बहुलता में हैं। सपा-भाजपा इन्हीं जाति के प्रत्याशियों पर दाव खेलती हैं। जबकि ठाकुर, शाक्य, कायस्थ के वोट निर्णायक हो जाते हैं। 2017 के चुनाव में सपा प्रत्याशी जुगेंद्र सिंह को मात देकर भाजपा के विपिन वर्मा डेविड विधायक बने। लोधी राजपूत जाति के हैं। कभी उनके परिवार का वर्चस्व इस सीट पर रहा था। जो बीच में सपा के दबदबे के आगे कम हो गया। 2017 के चुनाव में सजातीय लोधी राजपूत वोट के अलावा भाजपा के परंपरागत वैश्य, ब्राह्मण सहित अन्य हिंदू वोट उनके पाले में आए।
| जाति | मतदाता |
| यादव | 65 हजार |
| वैश्य | 45 हजार |
| एससी | 45 हजार |
| लोधी | 35 हजार |
| ब्राह्मण | 30 हजार |
| क्षत्रिय | 20 हजार |
| मुस्लिम | 20 हजार |
शहर में कासगंज रोड पर प्रसिद्ध यज्ञशाला वाला आर्ष गुरुकुल स्थित है। शहर में ही एतिहासिक कैलाश मंदिर है, जहां विशेष धार्मिक अवसरों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इसके अलावा सकीट कस्बा में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित मामू-भांजे की मजार व किला स्थित है। मलावन क्षेत्र में जवाहर विद्युत तापीय परियोजना निर्माणाधीन है। खानपान सामान्य है, मुख्य रूप से गेहूं की फसल सर्वाधिक होती है। चिकोरी का उत्पादन और प्रोसेसिंग भी होती है।
नेशनल हाईवे जीटी रोड का पुनर्निर्माण : निर्माणाधीन।
शहर में नेशनल हाईवे पर बाईपास : हाल ही में बन चुका है।
मेडिकल कॉलेज : निर्माणाधीन।
तकनीकी और व्यवसायिक शिक्षा संस्थानों की मांग।
बड़े उद्योग स्थापित कर रोजगार सृजित करने की मांग।
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