सीट का इतिहास: यह विधान सभा क्षेत्र भी नेपाल की खुली सीमा से सटा है। जैव विविधता से परिपूर्ण सोहेलवा वन्य जीव प्रभाग यहां की विशेषता है। क्षेत्र में महाराणा प्रताप का वंशज मानी जाने वाली थारू जनजाति की अच्छी आबादी है। सीट भाजपा के कब्जे में है। 2017 में शैलेंद्र कुमार सिंह शैलू ने जीत दर्ज करवाई थी। शैलेंद्र कुमार सिंह लखनऊ विश्वविद्यालय के अध्यक्ष भी रहे हैं। इससे पूर्व में सपा का कब्जा था।
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जाति |
मतदाता |
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मुस्लिम |
86 हजार |
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यादव |
45 हजार |
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वर्मा |
40 हजार |
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ब्राहमण |
35 हजार |
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पासी |
30 हजार |
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थारू, चमार व अन्य |
30 हजार |
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कंहार, निषाद, गौड़, प्रजापति |
28 हजार |
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ठाकुर |
25 हजार |
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कोरी |
25 हजार |
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वैश्य |
7 हजार |
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कायस्थ |
5 हजार |
क्षेत्र में सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं का सर्वथा अभाव है। बाढ़ की विभीषिका से हर साल व्यापक नुकसान होता है। अंसिचित इलाके में सिंचाई के पर्याप्त साधन भी नहीं हैं।
राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख द्वारा इस क्षेत्र में थारू जनजाति के विकास के लिए दीन दयाल शोध संस्थान इमीलिया कोडर स्थापित किया गया है। जंगल व प्राकृतिक जलाशय इस क्षेत्र की विशिष्ट पहचान हैं।
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