सीट का इतिहास
सीट का सर्जन वर्ष 1956 में हुआ। वर्ष 1962 से लेकर वर्ष 2017 तक गढ़ विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस, जनता नेशनल पार्टी, सपा और भाजपा के विधायक रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी का कोई प्रत्याशी गढ़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव नहीं जीता पाया है। 1991 में राम जन्म भूमि की लहर के बाद कांग्रेस के डॉ. अख्तर को हराकर भाजपा के कृष्णवीर सिंह सिरोही विधायक बने, जोकि सरकार गिरने के बाद 1993 में दोबारा हुए चुनाव में भी भाजपा से जीते। 1996 में रामनरेश रावत(भाजपा) ने जीत दर्ज की। सपा के मदन चौहान लगातार तीन बार 2002 से 2017 तक विधायक रह चुके हैं। 2017 में भाजपा के डॉ. कमल सिंह मलिक ने बसपा के प्रशांत चौधरी को हराया।
| जाति | मतदाता |
| मुस्लिम | एक लाख सात हजार |
| दलित | 57 हजार |
| पिछड़ा वर्ग | 43 हजार |
| जाट | 30 हजार |
| ब्राह्मण | 26 हजार |
| गुर्जर | 23 हजार |
| ठाकुर | 23 हजार |
| अन्य | 23 हजार |
यूपी के हरिद्वार की तर्ज पर विकसित करना। खादर क्षेत्र के गांवों में विकास।
गंगा तट ब्रजघाट, महाभारतकालीन कार्तिक मेला, मूढ़ा-चटाई उद्योग, चीनी मिल, डिस्टलरी उद्योग।
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