सीट का इतिहास: यह सीट एससी सुरक्षित है। सभी दलों के प्रत्याशी जीतते रहे हैं। भाजपा प्रत्याशियों का ज्यादा बार सीट पर कब्जा रहा है। किसी परिवार, पार्टी या प्रत्याशी विशेष का लगातार दबदबा नहीं रहा। लगभग हर चुनाव में विधायक बदलते रहे हैं। क्षेत्र में यादव मतदाता बहुलता में हैं। इसके बाद क्षत्रिय, एससी और लोधी राजपूत व बघेल मतदाताओं की बारी आती है।
| जाति | मतदाता |
| एससी | 70 हजार |
| यादव | 70 हजार |
| क्षत्रिय | 37 हजार |
| मुस्लिम | 30 हजार |
| लोधी | 25 हजार |
| बघेल | 23 हजार |
| वैश्य | 13 हजार |
| ब्राह्मण | 7 हजार |
जिले का एकमात्र पक्षी विहार, जो क्षेत्र के गांव पटना में स्थित है। पटना में भगवान शिव का पूर्ण इच्छेश्वर मंदिर है। कस्बा अवागढ़ में क्षत्रिय वंश के जादौन शासकों द्वारा बनवाया गया किला स्थित है। इसमें राजा बलवंत सिंह के वंशज रहते हैं। जलेसर के अचार जिलेभर में मशहूर हैं।
चुनाव में रोडवेज बस डिपो सबसे बड़ी मांग है। - हाल ही में प्रदेश शासन से इसे मंजूरी दे दी गई है।
जलेसर-सिकंदराराऊ मार्ग के चौड़ीकरण और पुनर्निर्माण की मांग। पिछले महीने बजट स्वीकृत हुआ है।
टीटीजेड क्षेत्र का दायरा घटाने की मांग। जिससे उद्योग-धंधे सामान्य रूप से संचालित हो सकें।
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