सीट का इतिहास: यादव बाहुल्य ये सीट सपा का घर मानी जाती है। माना जाता है कि लोग यहां प्रत्याशी को नहीं सपा के नाम पर वोट देते हैं। हर चुनाव में यहां 90 प्रतिशत तक मतदान होता है। एक बार छोड़कर यहां से सपा को ही जीत मिलती रही है। वर्तमान में सपा से सोबरन सिंह यादव विधायक हैं। वे तीन बार विधायक रह चुके हैं, इसमें एक बार वे भाजपा से भी करहल सीट पर विधायक चुने गए थे।
| जाति | मतदाता |
| यादव | 1.25 लाख |
| शाक्य | 35 हजार |
| क्षत्रिय | 30 हजार |
| एससी | 22 हजार |
| मुस्लिम | 18 हजार |
| ब्राह्मण | 16 हजार |
| वैश्य | 15 हजार |
| लोधी | 15 हजार |
करहल क्षेत्र सैफई के नजदीक होने के चलते सपा से जुड़ा रहा है। वहीं अब आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे भी करहल से ही होकर गुजरा है। वर्तमान में प्रशासन द्वारा विकसित किया गया सारस सर्किट और औंछा स्थित च्यवन ऋषि आश्रम मुख्य पौराणिक स्थल है।
गांवों का विकास ही करहल विधानसभा क्षेत्र का सबसे बड़ा मुद्दा है। दूर-दराज के आज भी कई गांव पक्की सड़कें और बिजली आपूर्ति से महरूम हैं। हर बार चुनाव में इसकी मांग उठती रहती है।
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