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कासगंज विधानसभा चुनाव 2022 परिणाम

देवेंद्र सिंह
भाजपा जीत
विधानसभा क्षेत्र श्रेणी
सामान्य
कुल निर्वाचक
-
कुल मतदान
-
मतदान प्रतिशत
-
विजेता के वोट
-
वोट प्रतिशत
--
जीत का अंतर
-
मार्जिन प्रतिशत
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कासगंज विधानसभा 2022 सीट प्रत्याशी

प्रत्याशी
पार्टी
आजाद समाज पार्टी (काशीराम)
कांग्रेस
निर्दलीय
राष्ट्रीय सूर्य प्रकाश पार्टी
इंडिया जनशक्ति पार्टी
बहुजन मुक्ति पार्टी
निर्दलीय

सीट का इतिहास: इस सीट से कांग्रेस, जनसंघ जनता पार्टी, जनतादल, भाजपा, सपा, बसपा के प्रत्याशी जीत हांसिल कर चुके हैँ। वर्तमान में यह सीट भाजपा के कब्जे में है। प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्यान सिंह भी यहां से 1993 में चुनाव जीत चुके हैं। इस सीट से तीन बार वैश्य प्रत्याशी चुनाव जीत चुके हैं, लेकिन 1967 में परिसीमन में विधानसभा के जातिगत समीकरण बदल गए। लोधी बहुल्य सीट होने से सभी दल लोधी प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारते हैं, इस जाति के प्रत्याशी की जीत होती है। एक बार बसपा के सहारे मुस्लिम प्रत्याशी ने यहां से जीत हांसिल की है। क्षेत्र में यादव, ब्राह्मण, वैश्य, ठाकुर, कुशवाह, मौर्य, कायस्थ, मुस्लिम, जाटव सहित अन्य जातियां भी निवास करती हैं।

  • कुल मतदाता: 3,52,990
  • पुरुष मतदाता: 1,90,811
  • महिला मतदाता: 1,62,173
 जाति   मतदाता 
 लोधी   70,000 हजार
 अन्य   51,000 हजार
 अनुसूचित जाति   47,000 हजार
 यादव   40,000 हजार
 मुस्लिम   35,000 हजार
 वैश्य   30,000 हजार
 बघेल   22,000 हजार
 ठाकुर   20,000 हजार
 शाक्य   20,000 हजार
 ब्राह्मण   17,000 हजार
  • अपने विधायक को जानें
  • वर्तमान विधायक: देवेंद्र राजपूत (भाजपा)
  • उम्र : 55 वर्ष
  • शिक्षा : बीए

 

  • क्षेत्र के प्रमुख स्थल

 तीर्थ नगरी सोरों यहां का प्रमुख तीर्थ स्थान हैं। बड़ी संख्या में राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात आदि राज्यों सहित अन्य क्षेत्रों से तीर्थ यात्री प्रतिदिन ही यहां आते हैं। विशेष स्नान पवों पर यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैँ।

  • क्षेत्र के बड़े मुद्दे

कासगंज विधानसभा क्षेत्र का मुद्दा उद्योगों की कमी का है। इलाके में कोई भी उद्योग बड़ा नहीं है, इस कारण अच्छे रोजगार के अवसर लोगों को प्राप्त नहीं हो सकें। तीर्थस्थल सोरों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना धरातल पर नहीं उतर पाई हैं। बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं भी नहीं हैं। किसी भी आपातस्थिति में लोगों को इलाज नहीं मिल पाता।

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