सीट का इतिहास
चौधरी चरण सिंह के प्रभुत्व वाली इस सीट पर हमेशा जाट निर्णायक भूमिका में रहे हैं। मौजूदा सत्र में भाजपा ने रालोद से ही यह सीट छीनी है। इस सीट पर कांग्रेस, भाजपा और लोकदल तीन-तीन बार, दो बार जनता दल और एक बार बसपा प्रत्याशी को जीत मिली है।
| जाति | मतदाता |
| जाट | 1.10 लाख |
| ब्राह्मण | 50 हजार |
| दलित | 40 हजार |
| मुस्लिम | 30 हजार |
| वैश्य | 25 हजार |
| अन्य | 25 हजार |
किसानों से जुड़ी समस्याएं, ग्रामीण विकास, बिजली, बेहतर शिक्षा-स्वास्थ्य, यमुना एक्सप्रेस वे के सहारे की भूमि का अधिग्रहण और भूमि हस्तांतरण का विरोध।
यमुना का किनारा और गौमत कस्बे में दाऊजी का मंदिर।
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