सीट का इतिहास
2012 में बदले परिसीमन यह सीट बनी। यह सीट हिंदू मुस्लिम ध्रुवीकरण पर आधारित है। 2012 से पहले यह सीट आरक्षित थी। कभी कांग्रेस, कभी, बसपा तो कभी भाजपा का इस सीट पर कब्जा रहता था। वर्ष 1996 में कोल विधानसभा से भाजपा की रामसखी कठेरिया विधायक रहीं। वर्ष 2002 और 2007 में बसपा के महेंद्र सिंह, वर्ष 2012 में सपा के जमीरउल्लाह जीते। वर्ष 2017 में भाजपा के अनिल पाराशर ने सपा के अज्जू इस्हाक को हराया।
| जाति | मतदाता |
| मुस्लिम | 1.45 लाख |
| ब्राह्मण | 60 हजार |
| ठाकुर | 50 हजार |
| वैश्य | 35 हजार |
| दलित | 30 हजार |
| बघेल | 20 हजार |
| लोधी | 20 हजार |
| पंजाबी | 10 हजार |
| अन्य | 50 हजार |
नए शहर में विकास, बुनियादी जरूरतों की पूर्ति, ग्रामीण क्षेत्र में विकास, पुराने बाईपास के चौड़ीकरण/सौंदर्यीकरण।
भगवान शिव का मंदिर, जीटी रोड।
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