सीट का इतिहास
कुर्सी विधान सभा क्षेत्र का 2012 में परिसीमन के बाद नाम बदलकर कुर्सी किया गया। तो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण भी बदल गया। सुरक्षित सीट पर कांग्रेस के बाद लंबे समय तक सपा के हरदेव रावत का कब्जा रहा। 2002 में भाजपा पहली बार जीती थी। 2007 में बसपा का कब्जा रहा। 2012 में सपा के फरीद जीते तो 2017 में साकेंद्र वर्मा ने उन्हें हराकर सपा के गढ़ को ढहा दिया।
| जाति | मतदाता |
| वर्मा | 71 हजार |
| रावत | 68 हजार |
| मुस्लिम | 59 हजार |
| यादव | 51 हजार |
| गौतम | 45 हजार |
| ब्राह्मण | 40 हजार |
| दलित | 10 हजार |
| अन्य | 38 हजार |
औद्योगिक क्षेत्र की बदहाली और सिंचाई को लेकर कल्यानी नदी की समस्या।
महादेव तालाब, भगौली तीर्थ, धन्नागतीर्थ, गुरसेल मंदिर, बाबा साहब बेलहरा।
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