सीट का इतिहास
नगर विधान सभा सीट दिग्गजों के लिए हमेशा चुनौती साबित होती रही है। यहां सूबे के कई धुरंधर कड़े संघर्ष में फंस चुके हैं। पूर्व मुख्य मंत्री राजनाथ सिंह, पंडित कमला पति त्रिपाठी के पौत्र राजेश पति त्रिपाठी सभी को पराजय का सामना करना पड़ा है। बीते तीन विधानसभा चुनावों में सपा के कैलाश नाथ चौरसिया अपनी साइकिल दौड़ाए जा रहे थे। वर्ष 2017 के चुनाव में भाजपा के रत्नाकर मिश्र ने उनको पराजित किया। इस सीट पर भाजपा पांच बार, सपा तीन बार चुनाव जीती है।
| जाति | मतदाता |
| वैश्य | 60 हजार |
| मुस्लिम | 40 हजार |
| ब्राह्मण | 40 हजार |
| दलित | 30 हजार |
| क्षत्रिय | 25 हजार |
| यादव | 22 हजार |
| कायस्थ | 20 हजार |
| मौर्य | 15 हजार |
| पटेल | 10 हजार |
| बिंद | 10 हजार |
| मल्लाह | आठ हजार |
| अन्य | 60 हजार |
बुनियादी सुविधाओं का अभाव, सड़कों का जर्जर हाल।
मां विंध्यवासिनी मंदिर, मेडिकल कॉलेज, प्राकृतिक जल प्रपात, विंढम फाल, टांडा फाल।
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