सीट का इतिहास
1952 और 1957 दाताराम और 1962 में कांग्रेस के चौधरी यशपाल जीते। 1967 में निर्दलीय प्रत्याशी एन सिंह और 1969 में काजी मसूद बने। फिर 1974, 1977, 1980 में कांग्रेस के चौधरी यशपाल सिंह जीते। 1985 में एलकेडी से रामशरण दास, फिर 1989 और 1991 में जनता दल से मास्टर कंवरपाल जीते। 1993 में फिर से कांग्रेस के चौधरी यशपाल सिंह जीते, जबकि 1996 में मास्टर कंवरपाल निर्दलीय विधायक बने। 2002 में फिर कांग्रेस जीती। वहीं, 2007 और 2012 में बसपा, जबकि 2017 में भाजपा जीती और डॉ धर्म सिंह सैनी विधायक बने।
| जाति | मतदाता |
| मुस्लिम | 1.30 लाख |
| दलित | 65 हजार |
| सैनी | 40 हजार |
| गुर्जर | 35 हजार |
| कश्यप | 20 हजार |
| जाट | 10 हजार |
| अन्य | 50 हजार |
यमुना खाद क्षेत्र से जुड़ा इलाका है। तीन गांव ऐसे हैं जो यमुना नदी पार हैं, वहां तक पहुंचने के लिए पुल की दरकार है।
नकुलेश्वर महादेव मंदिर।
Followed