आजादी के बाद शुरुआती दौर में निघासन और धौरहरा संयुक्त सीट हुआ करती थी। 1957 के बाद दोनों अलग हो गईं। 1985 तक सीट पर कांग्रेस और जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी का कब्जा रहा। इसके बाद तीन बार निर्दलीय उम्मीदवार ने चुनाव जीता, फिर भाजपा, सपा और बसपा ने बारी बारी से प्रतिनिधित्व किया। 2017 के चुनाव में भाजपा के रामकुमार वर्मा जीते थे, लेकिन कार्यकाल के बीच ही उनका निधन हो जाने से उपचुनाव हुआ जिसमें उनके पुत्र शशांक वर्मा चुनाव जीते।
कुल मतदाता : 327141
पुरुष मतदाता : 1,78,531
महिला मतदाता : 1,48,948
| जाति | मतदाता |
| पिछड़ी जातियां | 1.37 लाख |
| दलित | 1.10 लाख |
| मुस्लिम | 48 हजार |
शशांक वर्मा (भाजपा)
उम्र : 30
शिक्षा : एमबीए
विधायक बनने के पहले वह एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी कर रहे थे।
हर साल क्षेत्र मे आने वाली बाढ़ और भूकटान, शारदा नदी पर पचपेहड़ीघाट पुल का निर्माण, क्षेत्र की जर्जर सड़कें, और यातायात सुविधाओं का अभाव, जिससे विकास बाधित
दुधवा टाइगर रिजर्व, खैरीगढ़ स्टेट की सिंगाही कस्बे में स्थित विरासत।
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