शाहजहांपुर जिले की पुवायां विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा आठ बार कांग्रेस का कब्जा रहा है। यहां से दो बार भाजपा, दो बार सपा, एक बार जनता दल और एक बार उपचुनाव में बसपा भी इस सीट से जीती है। 1952 से 1967 तक इस सीट का कुछ हिस्सा पूरनपुर और कुछ हिस्सा पुवायां, निगोही में शामिल होता रहा। 1967 और 1969 में कांग्रेस से कंधईलाल, 1974 में कांग्रेस से रूपराम, 1977 में जनता पार्टी से सूरज प्रसाद, 1980 में कांग्रेस से रूपराम दिनकर, 1985 और 1989 में कांग्रेस से चेतराम, 1991 में भाजपा से नेतराम, 1993 व 1996 में कांग्रेस से चेतराम, 2002 में भाजपा समर्थित निर्दलीय मिथलेश कुमार जीते। 2007 में सपा से मिथलेश कुमार, 2009 के उपचुनाव में बसपा से धीरेंद्र प्रसाद, 2012 में सपा से शकुंतला देवी, 2017 में भाजपा से चेतराम विधायक बने। वह कांग्रेस के नेता स्व. जितेंद्र प्रसाद के करीबी रहे और पुवायां से चार बार कांग्रेस के विधायक रहे हैं। पुवायां विधानसभा क्षेत्र में खुटार में चौहान और कठेरिया राज परिवारों की रियासत दूर तक फैली हुई थी। पुवायां में वर्मा राज परिवार, जेबां और नाहिल के राज परिवार भी अंग्रेजी शासनकाल में अलग पहचान रखते थे। क्रांतिकारी मौलवी अहमद उल्ला शाह पुवायां में शहादत को प्राप्त हुए थे। खुटार में कठेरिया राजपरिवार और पुवायां में वर्मा राज परिवार की आज भी विशाल गढ़ी है। राजपरिवार के लोग भी यहां रहते हैं। पुवायां को मिनी पंजाब कहा जाता है। यहां पंजाब से आए किसानों ने खेती की परिभाषा ही बदल दी है।
कुल मतदाता : 3,60,000
पुरुष मतदाता :1,96,214
महिला मतदाता : 1,65,419
| जाति | मतदाता |
| ब्राह्मण | 60 हजार |
| पासी | 40 हजार |
| धोबी | 36 हजार |
| सिख | 35 हजार |
| कुर्मी | 25 हजार |
| जाटव | 23 हजार |
| ठाकुर | 20 हजार |
| यादव | 17 हजार |
| कोरी | 16 हजार |
| मौर्य | 10 हजार |
| पाल | 10 हजार |
चेतराम (भाजपा)
उम्र : 56
शिक्षा : एलएलबी
पुवायां विधानसभा क्षेत्र में बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है। यहां सुखबीर एग्रो एनर्जी राइस मिल, मकसूदापुर में बजाज चीनी मिल और पुवायां में किसान सहकारी चीनी मिल के अलावा कई छोटे राइस मिल हैं। बड़े कारखाने आदि न होने के कारण यहां के लोग गुजरात, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र आदि में मजदूरी करने जाते हैं। शाहजहांपुर पलिया हाईवे पर भैंसी नदी का जर्जर पुल, सिंधौली में खन्नौत नदी का संकरा पुल बड़ी समस्या है। खुटार और बंडा ब्लाक के 94 गांव पीलीभीत में शामिल कर दिए गए थे। उनकी वापसी की मांग भी अहम मुद्दा है।
पुवायां विधानसभा क्षेत्र में प्रसिद्ध सुनासिरनाथ स्थान है। किवदंती है कि गौतम ऋषि के श्राप से मुक्ति पाने के लिए इंद्र ने यहां तपस्या की थी। पुवायां के गांव नाहिल को मंदिरों का गांव कहा जाता है। यहां कई मंदिर हैं जिनकी काफी महत्ता है।
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