सदर विधानसभा सीट पारिवारिक नहीं हैं। सीट परंपरागत रूप से किसी एक व्यक्ति के पास नहीं रही है। इस सीट पर कभी बड़ा उलटफेर नहीं हुआ। सपा, बसपा, भाजपा, कांग्रेस और अपना दल समेत सभी पार्टियों ने यहां से जीत हासिल की है। इस विधानसभा में सवर्ण, मुस्लिम मतदाताओं के अलावा पिछड़ी जातियों में कुर्मी, पाल, यादव और नाई मतदाता महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 2019 में तत्कालीन सदर विधायक रहे संगमलाल गुप्ता के सांसद चुने जाने के बाद हुए उपचुनाव में राजकुमार पाल ने अपना दल एस के टिकट पर जीत हासिल की। उन्होंने उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के बृजेश पटेल को हराया था। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ हुए समझौते में यह सीट अपना दल एस के खाते में गई थी। 2017 में अपना दल एस के टिकट पर संगमलाल गुप्ता यहां से विधायक बने थे। बाद में 2019 में वह भाजपा के टिकट पर सांसद चुन लिए गए। राजकुमार पाल विधायक बनने से पहले भाजपा में जिला मंत्री थे।
कुल मतदाता : 340292
पुरुष मतदाता : 1,78,903
महिला मतदाता : 1,51,928
| जाति | मतदाता |
| ब्राह्मण | 60 हजार |
| ठाकुर | 50 हजार |
| मुस्लिम | 45 हजार |
| कुर्मी | 35 हजार |
| यादव | 35 हजार |
| पाल | 20 हजार |
राजकुमार पाल (भाजपा)
उम्र : 55
शिक्षा : 12वीं
बदहाल सड़कों के कारण परेशानी बनी रहती है। अतिक्रमण भी मुख्य समस्या है। स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है।
इस क्षेत्र में बेल्हा देवी का मंदिर काफी प्रसिद्ध है। यहां जनपद के साथ गैरजनपदों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। प्रतापगढ़ शहर और जिला मुख्यालय इसी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। ऐतिहासिक तौर पर यहां प्रतापगढ़ रियासत का किला है। इस रियासत के राजा अभय प्रताप सिंह और अजीत प्रताप सिंह सांसद रहे हैं। आंवला के उत्पादन को लेकर यह इलाका देशभर में प्रसिद्ध है।
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