सीट का इतिहासः यह सीट से ज्यादातर पूर्व विधायक एवं बाहुबली स्व.अखिलेश सिंह के कब्जे में रही। वह इस सीट से पांच बार विधायक रहे। अखिलेश सिंह ने जीवित रहते बेटी अदिति सिंह को विधायक बनवाया था। इस सीट से अखिलेश सिंह कांग्रेस, पीस पार्टी और निर्दलीय रूप में भी विधायकी की। सपा, बसपा ने ताकत दिखाई, लेकिन वे अपने प्रत्याशी को जीत नहीं दिला सके। वर्तमान में अखिलेश सिंह की बेटी अदिति सिंह विधायक हैं। वैसे तो वह कांग्रेस से चुनाव जीती हैं, लेकिन अक्सर वह भाजपा की बात करती हैं। इसलिए उनको कांग्रेस का बागी विधायक कहा जाता है।
| जाति | मतदाता |
| पासी | एक लाख 40 हजार |
| अन्य | 60 हजार |
| मुस्लिम | 45 हजार |
| ब्राह्मण | 40 हजार |
| ठाकुर | 38 हजार |
शहर के डिग्री कॉलेज चौराहा स्थित पहलवान वीर बाबा मंदिर है, जो लोगों की आस्था का बड़ा केंद्र है। मुंशीगंज शहीद स्मारक शहीद किसानों की याद दिलाता है। आधा शहर और आधा ग्रामीण क्षेत्र होने से लोगों का रहन-सहन शहरी जैसा है। लोगों का खानपान भी शहरी जीवन पर शैली पर आधारित है।
जर्जर सड़कें, सिंचाई।
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