सीट का इतिहास
वीआईपी कहे जाने वाली रामनगर विधानसभा सीट की अभी तक सबसे बड़ी खासियत रही है कि यहां के मतदाताओं ने किसी भी विधायक पर दोबारा भरोसा नहीं किया है। प्रत्याशी बदलने के बाद भले ही पार्टी जीत गई हो, पर अधिकांश चुनाव परिणाम में उलटफेर होता रहा है। जिले के दिग्गज सपा नेता और मंत्री रहे अरविंद सिंह गोप भी दूसरी बार यहां से 2017 में चुनाव हार गए। यूं कहा जाए कि यहां पर किसी दल का कभी एक छत्र राज नहीं रहा।
| जाति | मतदाता |
| मुस्लिम | 65 हजार |
| ब्राह्मण | 50 हजार |
| रावत | 44 हजार |
| वर्मा | 40 हजार |
| यादव | 33 हजार |
| गौतम | 26 हजार |
| ठाकुर | 23 हजार |
| अन्य दलित | 15 हजार |
| अन्य सवर्ण | 10 हजार |
| अन्य | 30 हजार |
बाढ़ क्षेत्र से होने वाला नुकसान और बंद पड़ी बुढवल चीनी मिल।
लोधेश्वर महादेव मंदिर, कुंतेश्वर, पारिजात, ददौरा वटवृक्ष।
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