सीट का इतिहासः यह सीट 2012 में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो चुकी है। इसके पूर्व 1952 के चुनाव के बाद हर बार लोधी बिरादरी का ही विधायक चुना गया है। किसी भी दल के लिए यह सीट परंपरागत रूप से एक व्यक्ति के पास नहीं रही है। सपा, बसपा, भाजपा, कांग्रेस पार्टियों ने यहां से जीत हासिल की है। विधानसभा में सर्वाधिक पिछड़ी जाति में लोधी मतदाता हैं। इसके बाद सवर्ण, मुस्लिम, निषाद, पाल, यादव और अनुसूचित जाति में कोरी व अहिरवार मतदाता महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 2012 में अनुसूचित जाति के आरक्षित राठ विधानसभा सीट पर कांग्रेस के गयादीन अनुरागी ने सीट जीती थी। 2017 में भाजपा के टिकट पर मनीषा अनुरागी यहां से विधायक बनीं। विधानसभा क्षेत्र से सात बार कांग्रेस, एक बार जनता पार्टी, एक बार भारतीय जन संघ, एक बार जनता दल, तीन बार बसपा, एक बार सपा व एक बार भाजपा का विधायक रहा है।
| जाति | मतदाता |
| लोधी | 1.20 लाख |
| ब्राह्मण | 40 हजार |
| निषाद | 30 हजार |
| अहिरवार | 30 हजार |
| क्षत्रिय | 25 हजार |
| यादव | 20 हजार |
| मुस्लिम | 15 हजार |
| वैश्य | 10 हजार |
जलालपुर के शिव मंदिर, भेड़ी का प्राचीन माहेश्वरी माता मंदिर, जिगनी का किला प्रमुख स्थलों में है।
पीने के पानी की समस्या रहती है। भूगर्भ जल स्तर नीचे जाने से पानी का संकट रहता है। उद्योग धंधे नहीं हैं। रेल लाइन नहीं है। रोजगार के संसाधनों की कमी है। 50 फीसदी से ज्यादा जनता महानगरों व ईंट भट्ठों में मजदूरी करने जाते हैं।
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