2012 विधासभा चुनाव से पूर्व जब निर्वाचन आयोग ने विधानसभा के परिसीमन की प्रक्रिया शुरू की तो रोहनिया को एक नई विधानसभा का सृजन किया। इस विधानसभा को बनाने के लिए वाराणसी कैंट, गंगापुर और चंदौली जिले के मुगलसराय विधानसभा के क्षेत्रों को मिलाया गया। नए परिसीमन के बाद कैंट विधानसभा की 65 तो गंगापुर विधानसभा की 47 ग्राम पंचायतों को मिलाया गया। इसके साथ ही मुगलसराय विधानसभा के सूजाबाद और डोमरी के कुल 47000 की आबादी के 1800 वोटरों को इस नई विधानसभा में शामिल किया गया। 2012 में विधानसभा नए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आया। पहली बार यहां की विधायक अपना दल की अनुप्रिया पटेल बनी थीं। मिर्जापुर का सांसद बनने के बाद उन्होंने यह पद छोड़ दिया था जिसके बाद यहां हुए उपचुनाव में महेंद्र सिंह पटेल विधायक बने थे। अनुप्रिया सांसद होते हुए भी अपनी मां कृष्णा पटेल को चुनाव नहीं जितवा पाईं। 2017 मोदी लहर में भाजपा के सुरेंद्र नारायण सिंह जीते।
कुल मतदाता : 3,77,474
पुरुष मतदाता : 2,12,035
महिला मतदाता : 1,67,202
| जाति | मतदाता |
| पटेल | 1.47 लाख |
| सवर्ण | 80 हजार |
| यादव | 45 हजार |
| दलित | 30 हजार |
सुरेंद्र नारायण सिंह (भाजपा)
उम्र: 61
शिक्षा : पोस्ट ग्रेजुएट
चुनावी मुद्दे पीएम के काम, विकास और सपा का भ्रष्टाचार मुद्दा रहा।
इस विधानसभा क्षेत्र में दो प्राचीन मंदिर हैं। शूलटंकेश्वर और कंदवा का कर्दमेश्वर महादेव मंदिर में हर समय भक्तों का तांता लगा रहता है।
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