सीट का इतिहासः इस सीट से दल बहादुर कोरी कई बार विधायक रहे और राज्यमंत्री तक पहुंचे। दल बहादुर ने राजमिस्त्री से लेकर विधायक और मंत्री तक का सफर तय किया। वर्तमान समय में दल बहादुर का निधन हो चुका है। सपा से आशा किशोर ने भी कई बार प्रतिनिधित्व किया। चुनाव जीतने के लिए पार्टियां बदलीं। शिवबालक पासी निधन हो चुका है, वह भी कांग्रेस से कई बार विधायक रहे।
| जाति | मतदाता |
| पासी | 90 हजार |
| मौर्या | 35 हजार |
| कुर्मी | 35 हजार |
| यादव | 35 हजार |
| मुस्लिम | 35 हजार |
| कोरी | 34 हजार |
| ब्राह्मण | 20 हजार |
| लोधी | 20 हजार |
| ठाकुर | 16 हजार |
क्षेत्र में आलू किसानों की समस्या है। साथ ही यहां पर स्थानीय स्तर पर रोजगार के कोई साधन नहीं है।
समसपुर पक्षी बिहार यहां का सबसे बड़ा पर्यटन केंद्र हैं, जहां पर लोग बड़ी संख्या में घूमने पहुंचते हैं। इसके अलावा कई मंदिर हैं, जो आस्था का केंद्र हैं। ज्यादातर लोगों का खानपान ग्रामीण अंचल शैली पर आधारित है।
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