सीट का इतिहास
किसी भी पार्टी या नेता की परंपरागत सीट नहीं रही है। 2012 में विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन परिवर्तित हुआ। शिकारपुर विधानसभा सीट सुरक्षित से सामान्य हो गई। यहां बसपा के अनिल शर्मा लगातार दो बार विधायक बने। 2017 में भाजपा में शामिल होकर बसपा के मुकुल को हराया।
| जाति | मतदाता |
| दलित | 62 हजार |
| ब्राह्मण | 58 हजार |
| मुस्लिम | 50 हजार |
| जाट | 49 हजार |
| ठाकुर | 45 हजार |
| वैश्य | 11 हजार |
| माली | 11 हजार |
| बघेल | सात हजार |
| लोध-राजपूत | छह हजार |
| अन्य | 11 हजार |
रोडवेज बस स्टैंड का निर्माण की मांग, बुलंदशहर से डिबाई तक हाईवे का चौड़ीकरण, पीएचसी और सीएचसी में चिकित्सकों की नियुक्त।
शिकारपुर क्षेत्र पांडवों का शिकारगाह रहा है। श्रीकृष्ण ने आहार स्थित अवंतिका देवी मंदिर से रुक्मणी का अपहरण कर शिकारपुर में एक दिन का समय बिताया था। उन्होंने यहां रहकर भगवान महादेव की पूजा की थी। श्रीकृष्ण द्वारा महादेव की पूजा की गई। वही स्थान प्राचीन बड़ा महादेव मंदिर कहलाता है। क्षेत्र के गांव बरासऊ में प्राचीन शिव मंदिर।
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