2012 में अस्तित्व में आए इस विधानसभा सीट से बसपा के उदय लाल मौर्या दो बार विजयी हुए थे लेकिन भाजपा ने उदय लाल मौर्या को बसपा से तोड़ लिया था। इसके बाद यहां से अनिल राजभर को टिकट दिया गया था। अनिल राजभर पहले सपा के युवा मोर्चा में थे। बाद में भाजपा में शामिल हो गए। 2017 के चुनाव में विकास और मोदी लहर में भाजपा के अनिल राजभर विजयी हुए। शिवपुर विधानसभा का पुराना नाम चिरईगांव विधानसभा रहा है। 2012 में हुए परिसीमन के बाद इस नई विधानसभा का जन्म हुआ। इस नई विधानसभा में चिरईगांव विकास खंड के सभी 96 गांव और 192 बूथ को तो शामिल किया ही गया है, साथ में हरहुआ विकास खंड के 30 गांव के 57 बूथ के अलावा काशी विद्यापीठ ब्लॉक के 12 गांव के 58 बूथ को शामिल किया गया है। पूर्व में चिरईगांव में चिरईगांव विकास खंड का गोपपुर न्यायपंचायत इस विधानसभा में शामिल नहीं था उसे अब शामिल कर लिया गया है। चिरईगांव विधानसभा में शहरी क्षेत्र के वरुणापार इलाके के 15 वार्ड थे जिसे अब शहर उत्तरी विधानसभा में डाल दिया गया है। इस तरह चिरईगांव विधानसभा के 1.40 लाख वोटर अब शिवपुर में नहीं बल्कि शहर उत्तरी के वोटर हो गए हैं।
कुल मतदाता : 3,40,696
पुरुष मतदाता : 1,88,536
महिला मतदाता : 1,52,743
| जाति | मतदाता |
| मौर्य | 90 हजार |
| राजभर | 80 हजार |
| पटेल | 50 हजार |
| ठाकुर | 30 हजार |
| ब्राह्मण | 20 हजार |
| यादव | 15 हजार |
| हरिजन | 9 हजार |
अनिल राजभर (भाजपा)
उम्र: 44
शिक्षा : पोस्ट ग्रेजुएट
यहां अतिक्रमण व जाम एक प्रमुख समस्या है। खस्ताहाल सड़क से भी लोग परेशान रहते हैं।
विधानसभा में पंचकोसी यात्रा का अंतिम पड़ाव कपिलधारा है। ढाब का इलाका भी इसी क्षेत्र में है। अचार, मुरब्बा अमरूद की डिमांड देश-विदेशों से होती है। शिवपुर विधानसभा क्षेत्र में ही काशी की प्राचीन पंचकोसी यात्रा का अंतिम पड़ाव है। इस अंतिम पड़ाव को कपिल मुनी पड़ाव माना कहा जाता है जो कपिल धारा के नाम से प्रसिद्ध है। इस विधानसभा क्षेत्र में एक ऐसा इलाका भी है जो मानसून सत्र में टापू बन जाता है। इसे ढाब के नाम से जाना जाता है। विधानसभा क्षेत्र को कई बार राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है।
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