सीट का इतिहासः अभी तक हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट से कांग्रेस, बसपा, सपा व भाजपा के प्रत्याशी विजयी होते रहे हैं। विधानसभा क्षेत्र में कभी बड़ा उलटफेर भी नहीं हुआ है। प्रदेश में पार्टियों की बयार के हिसाब से प्रत्याशी जीतते रहे। इस विधानसभा क्षेत्र में सवर्ण, अनुसूचित जाति के अलावा पिछड़ी जातियों में कुर्मी, वैश्य, यादव, और मुस्लिम मतदाता महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आ रहे हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा से सूर्यभान सिंह विजयी हुए हैं। इसके पहले भी वे एक बार इस सीट से विधायक रह चुके हैं। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में यह सीट समाजवादी पार्टी के पास रही और सपा से अनूप संडा विधायक रहे। वर्ष 2007 में भी सपा के अनूप संडा का सीट पर कब्जा रहा।
| जाति | मतदाता |
| मुस्लिम | 82,251 |
| अन्य | 75, 758 |
| ब्राह्मण | 65,047 |
| अनुसूचित जाति | 64,842 |
| क्षत्रिय | 39,625 |
| यादव | 34,222 |
| कुर्मी | 12,171 |
विधानसभा क्षेत्र में सुल्तानपुर शहर स्थित गोमती नदी के तट पर सीताकुंड घाट, भगवान कुश की प्रतिमा महत्वपूर्ण स्थल है। इतिहासकारों के मुताबिक, पूर्व में भगवान राम के पुत्र कुश ने इस नगर को बसाया था। सुल्तानपुर उनकी राजधानी रही। इसी को लेकर इन दिनों सुल्तानपुर का नाम कुशभवनपुर करने की तैयारी प्रदेश सरकार में चल रही है। ऐतिहासिक के रूप में शहर में स्थित नगरपालिका कार्यालय का नाम पहले सुंदरलाल के नाम से मशहूर रहा। आजादी की लड़ाई में इस भवन में क्रांतिकारियों की बैठकें हो चुकी हैं। सुल्तानपुर विधानसभा क्षेत्र में जिला मुख्यालय भी शामिल होने की वजह से यह जिला व्यवसाय का केंद्र है। सामान्य रहन-सहन वाले लोगों का क्षेत्र का मुख्य व्यवसाय कृषि व व्यवसाय है।
बदहाल सड़कों के साथ इस क्षेत्र में स्थित जर्जर चीनी मिल है। जर्जर चीनी मिल के क्षमतावृद्धि की मांग दो दशक से होती आ रही है।
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