सीट का इतिहास: नए परिसीमन में विधानसभा तरबगंज वर्ष 2012 में गठित हुई। 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में नवगठित तरबगंज विधानसभा से सपा से अवधेश कुमार सिंह उर्फ मंजू सिंह ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा से प्रेम नरायन पांडे ने जीत दर्ज की।
| जाति | मतदाता |
| ब्राह्मण मतदाता | 99 हजार |
| अनुसूचित जाति | 55 हजार |
| यादव | 52 हजार |
| क्षत्रिय | 47 हजार |
| मुस्लिम | 45 हजार |
यहां के किसानों के साथ अनदेखी हुई है। वित्तीय वर्ष 2021 में करीब 2 अरब रुपये गन्ने का बकाया। इसके साथ ही बाढ़ व शुद्ध पेयजल की समस्या बनी रहती है।
उत्तरी भवानी या वाराही देवी मंदिर है। मान्यता है कि जब पृथ्वी का हरण कर हिरण्याक्ष्य पाताल चला गया था तो पसका सूकर खेत में भगवान विष्णु ने वाराह रूप धारण कर मां वाराही की मदद से पाताल जाकर पृथ्वी को मुक्त कराया था। जमथा गांव में भगवान परशुराम के पिता यमदग्नि ऋषि का आश्रम, पाराशर मुनि का आश्रम, वजीरगंज में लखनऊ के नवाब आशिफुद्दौला ने 1775 में बारादरी का निर्माण कराया था।
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