सीट का इतिहास : आजादी के बाद 1952 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में उन्नाव सदर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी लीलाधर अस्थाना ने जीत का परचम लहराया। विधानसभा क्षेत्र कटरी क्षेत्र जुड़ा होने से विकास के नजरिए से काफी क्षेत्र पिछड़े विधानसभा क्षेत्रों में शुमार होता रहा। 1967 में कांग्रेस प्रत्याशी जियाउर्रहमान अंसारी और इसके अगले चुनाव में शिवपाल सिंह ने जीत हासिल की। 1985 मनोहर लाल लोक दल से, 1989 में जनता दल से और 1993 में मनोहर लाल ने सपा से जीत हासिल की। उनके निधन के बाद बेटे दीपक कुमार 1996 ने चुनाव जीता। 2002 के चुनाव में सपा के गढ़ में बसपा प्रत्याशी कुलदीप सिंह सेंगर ने कब्जा किया। हालांकि 2007 और 2012 में दीपक कुमार फिर विधायक बने। दिसंबर 2013 में दीपक कुमार के निधन के बाद 2014 में हुए उपचुनाव में भाजपा को मोदी लहर का फायदा मिला और भाजपा प्रत्याशी पंकज गुप्ता ने जीत हासिल की।
कुल मतदाता : 397947
पुरुष : 217672
महिला :180252
| जाति | मतदाता |
| ब्राह्मण | 67 हजार |
| लोधी | 54 हजार |
| मुस्लिम | 43 हजार |
| क्षत्रिय | 34 हजार |
| पासी | 34 हजार |
| केवट | 25 हजार |
| वैश्य | 24 हजार |
उन्नाव विधानसभा क्षेत्र को विकास की दरकार है। यहां पर शुद्ध पेयजल और सीवर लाइन न होना बड़ी समस्या। शहर में पानी में फ्लोराइड की समस्या और सीवरेज न होने से शहर का अबतक विकास नहीं हो पाया। कटरी क्षेत्र में ट्रांस गंगा सिटी और दो बड़े औद्योगिक क्षेत्र (दही चौकी व बंथर)।
दहीचौकी औद्योगिक क्षेत्र, 220 छोटी-बड़ी इकाइयां, औसतन 500 करोड़ का सालाना एक्सपोर्ट का कारोबार। लेदर इंडस्ट्रीज समेत अन्य औद्योगिक इकाईयों में तीस हजार से ज्यादा मजदूरों को कारोबार।
परियर स्थित जानकी कुंड परियर।
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