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'धर्मेंद्र ने पिता से छुपाई थी हेमा से शादी की बात', पूजा सामंत ने सुनाया अभिनेता से जुड़ा रोचक किस्सा
सार
Dharmendra News: दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र के निधन के बाद बॉलीवुड में शोक की लहर है। इसी बीच उनसे और उनकी पत्नी हेमा से जुड़ा एक किस्सा वरिष्ठ पत्रकार पूजा सामंत ने अमर उजाला से बातचीत में बताया है।
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हेमा-धर्मेंद्र
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
बॉलीवुड के ही-मैन अब इस दुनिया में नहीं रहे। सोमवार को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। धर्मेंद्र के अंतिम संस्कार में पूरा बॉलीवुड ही शामिल हुआ। इसी बीच आपको उनसे जुड़ा एक किस्सा बताते हैं जो वरिष्ठ पत्रकार पूजा सामंत ने अमर उजाला से बताया है। धर्मेंद्र के बारे में बात करते हुए उन्होंने कई बातें बताईं।
'हेमा जी मेरे लिए वो बहुत सिंपल हैं'
एक इंटरव्यू के दौरान धर्म जी से पूछा गया कि हेमा मालिनी जी के ऐसे कौन से गुण हैं जो उन्हें सबसे प्रिय लगते हैं। सवाल भी दिलचस्प था ...जहां इंडस्ट्री में हेमा जी ‘स्वप्न सुंदरी’ कहलाती हैं, वहीं आप ‘ही-मैन’ हैं। आपकी जोड़ी मेड-फॉर-ईच-अदर लगती है। लेकिन आखिर ऐसा क्या है जिससे आपको हेमा जी पसंद आईं?”
इस पर धर्म जी ने बहुत सादगी से कहा ....हेमा जी ऑनस्क्रीन तो ड्रीम गर्ल हैं, लेकिन मेरे लिए वो बहुत सिंपल हैं। हमारे बीच अंडरस्टैंडिंग है। वो चाहती हैं कि मैं उन्हें कुछ तोहफे दूं, लेकिन मैं इस मामले में थोड़ा शर्मीला हूँ। ज़्यादा बोल नहीं पाता, इसलिए अपनी भावनाएं अक्सर शेरो-शायरी में व्यक्त करता हूँ। हेमा स्वाभिमानी और सेल्फ-मेड हैं। उन्हें मेरी लोकप्रियता या पैसों की कोई जरूरत नहीं। वो खुद में मल्टी-टैलेंटेड हैं।
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'हेमा जी मेरे लिए वो बहुत सिंपल हैं'
एक इंटरव्यू के दौरान धर्म जी से पूछा गया कि हेमा मालिनी जी के ऐसे कौन से गुण हैं जो उन्हें सबसे प्रिय लगते हैं। सवाल भी दिलचस्प था ...जहां इंडस्ट्री में हेमा जी ‘स्वप्न सुंदरी’ कहलाती हैं, वहीं आप ‘ही-मैन’ हैं। आपकी जोड़ी मेड-फॉर-ईच-अदर लगती है। लेकिन आखिर ऐसा क्या है जिससे आपको हेमा जी पसंद आईं?”
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इस पर धर्म जी ने बहुत सादगी से कहा ....हेमा जी ऑनस्क्रीन तो ड्रीम गर्ल हैं, लेकिन मेरे लिए वो बहुत सिंपल हैं। हमारे बीच अंडरस्टैंडिंग है। वो चाहती हैं कि मैं उन्हें कुछ तोहफे दूं, लेकिन मैं इस मामले में थोड़ा शर्मीला हूँ। ज़्यादा बोल नहीं पाता, इसलिए अपनी भावनाएं अक्सर शेरो-शायरी में व्यक्त करता हूँ। हेमा स्वाभिमानी और सेल्फ-मेड हैं। उन्हें मेरी लोकप्रियता या पैसों की कोई जरूरत नहीं। वो खुद में मल्टी-टैलेंटेड हैं।
धर्मेंद्र के साथ पूजा सामंत
- फोटो : अमर उजाला
जब हेमा मालिनी के पास रहने को घर नहीं था, तब धर्मेंद्र ने तोहफे में दिया मुंबई में बांग्ला
जब हेमा जी का इंटरव्यू हुआ, तो उन्होंने धर्म जी के लिए दिल से आभार जताया। उन्होंने बताया कि मालाड-जोगेश्वरी लिंक रोड पर एक शानदार बंगले में उनका इंटरव्यू हुआ था। उसी घर को उन्होंने धर्म जी का सबसे बड़ा तोहफा बताया। हेमा जी ने कहा ...मेरे जुहू वाले बंगले को रेनोवेट करना था और हमें अस्थायी रूप से घर खाली करने को कहा गया। उस समय सोच रहे थे कि अब रहेंगे कहाँ? उसी दौरान धर्म जी यहां आए थे ... मैं और मेरी बेटियाँ भी मौजूद थीं। मैंने कहा कि अभी तो घर नहीं है रहने के लिए। दिल टूट पड़ा था ...तब धर्म जी ने तुरंत पहल की। उन्होंने अपने एक विश्वसनीय बिल्डर को फोन किया और कहा कि मुंबई में कोई रेडीमेड बंगला हो, जहां से हेमा जी आसानी से शूटिंग पर जा सकें ...तो बताएं। कुछ ही समय में ऐसा बंगला मिल गया और धर्म जी ने वह घर हेमा जी को तोहफे में दे दिया। हेमा जी ने गर्व से कहा ...वो मेरे पति की तरफ से दिया गया सबसे बड़ा गिफ्ट था। उन्होंने बहुत सोच-समझकर किया था, इसलिए यह मेरे लिए एक भावनात्मक तोहफा है।'
यह खबर भी पढ़ें: Dharmendra Death News Live: धर्मेंद्र पंचतत्व में विलीन; सनी-बॉबी पहुंचे घर; अलविदा कहने पहुंचा पूरा बॉलीवुड
धर्मेंद्र के पिता ने साझा की हेमा मालिनी से शादी की बात
पूजा ने आगे एक किस्सा सुनाया जब वे धर्मेंद्र के पिता जोकि स्कूल का हेडमास्टर थे .. से मिली। उन्होंने कहा, 'जब धर्मेंद्र जी के परिवार से उनके बचपन के बारे में बात हुई तो बताया गया कि उनके कमरे में उनके जवानी के दिनों की एक प्यारी तस्वीर लगी थी। उसे देखकर मैंने कहा। .. वाह, धर्म जी की कितनी सुंदर तस्वीर है। तो जवाब मिला ... ये तस्वीर उनकी फिल्म दिल भी तेरा हम भी तेरे के समय की है। हमें तो पता भी नहीं चला कि उन्होंने यह फिल्म कब और कैसे साइन की। अपनी मां, बीजी, को मक्खन लगाता था और स्कूल से भाग जाता था। मुझे लगता था ये लड़का (धर्म) फिल्मों में नहीं जाएगा। खेतों में काम करेगा या पढ़-लिखकर कुछ बनेगा… पर उसने तो बिल्कुल अलग रास्ता चुन लिया।
जब हेमा जी का इंटरव्यू हुआ, तो उन्होंने धर्म जी के लिए दिल से आभार जताया। उन्होंने बताया कि मालाड-जोगेश्वरी लिंक रोड पर एक शानदार बंगले में उनका इंटरव्यू हुआ था। उसी घर को उन्होंने धर्म जी का सबसे बड़ा तोहफा बताया। हेमा जी ने कहा ...मेरे जुहू वाले बंगले को रेनोवेट करना था और हमें अस्थायी रूप से घर खाली करने को कहा गया। उस समय सोच रहे थे कि अब रहेंगे कहाँ? उसी दौरान धर्म जी यहां आए थे ... मैं और मेरी बेटियाँ भी मौजूद थीं। मैंने कहा कि अभी तो घर नहीं है रहने के लिए। दिल टूट पड़ा था ...तब धर्म जी ने तुरंत पहल की। उन्होंने अपने एक विश्वसनीय बिल्डर को फोन किया और कहा कि मुंबई में कोई रेडीमेड बंगला हो, जहां से हेमा जी आसानी से शूटिंग पर जा सकें ...तो बताएं। कुछ ही समय में ऐसा बंगला मिल गया और धर्म जी ने वह घर हेमा जी को तोहफे में दे दिया। हेमा जी ने गर्व से कहा ...वो मेरे पति की तरफ से दिया गया सबसे बड़ा गिफ्ट था। उन्होंने बहुत सोच-समझकर किया था, इसलिए यह मेरे लिए एक भावनात्मक तोहफा है।'
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धर्मेंद्र के पिता ने साझा की हेमा मालिनी से शादी की बात
पूजा ने आगे एक किस्सा सुनाया जब वे धर्मेंद्र के पिता जोकि स्कूल का हेडमास्टर थे .. से मिली। उन्होंने कहा, 'जब धर्मेंद्र जी के परिवार से उनके बचपन के बारे में बात हुई तो बताया गया कि उनके कमरे में उनके जवानी के दिनों की एक प्यारी तस्वीर लगी थी। उसे देखकर मैंने कहा। .. वाह, धर्म जी की कितनी सुंदर तस्वीर है। तो जवाब मिला ... ये तस्वीर उनकी फिल्म दिल भी तेरा हम भी तेरे के समय की है। हमें तो पता भी नहीं चला कि उन्होंने यह फिल्म कब और कैसे साइन की। अपनी मां, बीजी, को मक्खन लगाता था और स्कूल से भाग जाता था। मुझे लगता था ये लड़का (धर्म) फिल्मों में नहीं जाएगा। खेतों में काम करेगा या पढ़-लिखकर कुछ बनेगा… पर उसने तो बिल्कुल अलग रास्ता चुन लिया।
पूजा सामंत
- फोटो : अमर उजाला
मैंने पूछा फिर तो उन्होंने फिल्में भी कीं और हेमा जी से शादी भी कर ली…
ये सुनते ही थोड़ी देर के लिए माहौल शांत हो गया। मैंने धीरे से पूछा क्या उनकी शादी के लिए रज़ामंदी थी? तो जवाब मिला...बेटा, अब इन बातों को दोहराने का कोई मतलब नहीं। शादी को कई साल हो गए। उसने हमें बताकर शादी नहीं की थी। लेकिन अब सब कुछ ठीक है। दोनों परिवारों में सब सुलझ चुका है। ऑल इज ओके।
जब पूछा कि क्या हेमा जी इस घर में आती हैं, तो जवाब साफ था। नहीं, वो यहां नहीं आतीं। लेकिन मैं उनका सम्मान करता हूँ। वो एक सशक्त और संस्कारी परिवार से हैं। यहां उनका जिक्र भी नहीं होता… लेकिन धर्म (धर्मेंद्र) अब इस परिवार का कमाऊ सपूत है , उसे कौन मना कर सकता है?
धर्मेंद्र जी की मां- सतवंत कौर जी का सपनों पर भरोसा
फिर बात धर्म जी की मां, सतवंत कौर जी, की हुई। बताया गया कि अगर धर्म को फिल्मों की ओर जाने का रास्ता मिला, तो वह मां की वजह से। धर्मेंद्र जी बताते थे ...अगर मैं अपने पिताजी से परमिशन लेने का इंतज़ार करता, तो शायद कभी एक्टिंग की दुनिया में कदम न रख पाता। मेरी माँ ही थीं, जिन्होंने मेरा रास्ता आसान किया। उन्होंने कहा, 'हमारे गाँव नरसाली में कोई थिएटर नहीं था। मैं स्कूल से कभी बहाना बनाकर, कभी तेज़ी से निकलकर, शहर जाकर फिल्में देखता था। माँ मुझे अक्सर पैसे दे देती थीं… घर के खर्च में बचने वाले रुपये चुपचाप मुझे पकड़ा देती थीं। अगर माँ का साथ न होता, तो मैं शायद कभी अभिनेता नहीं बन पाता।' परिवार सोचता था कि शादी जल्दी करा देंगे तो जिम्मेदारी समझ आएगी ...शादी के बाद खेती करेगा, घर संभालेगा…लेकिन किस्मत ने कुछ और ही लिखा था — धर्मेंद्र जी फिल्मों की दुनिया में स्टार बन गए।
ये सुनते ही थोड़ी देर के लिए माहौल शांत हो गया। मैंने धीरे से पूछा क्या उनकी शादी के लिए रज़ामंदी थी? तो जवाब मिला...बेटा, अब इन बातों को दोहराने का कोई मतलब नहीं। शादी को कई साल हो गए। उसने हमें बताकर शादी नहीं की थी। लेकिन अब सब कुछ ठीक है। दोनों परिवारों में सब सुलझ चुका है। ऑल इज ओके।
जब पूछा कि क्या हेमा जी इस घर में आती हैं, तो जवाब साफ था। नहीं, वो यहां नहीं आतीं। लेकिन मैं उनका सम्मान करता हूँ। वो एक सशक्त और संस्कारी परिवार से हैं। यहां उनका जिक्र भी नहीं होता… लेकिन धर्म (धर्मेंद्र) अब इस परिवार का कमाऊ सपूत है , उसे कौन मना कर सकता है?
धर्मेंद्र जी की मां- सतवंत कौर जी का सपनों पर भरोसा
फिर बात धर्म जी की मां, सतवंत कौर जी, की हुई। बताया गया कि अगर धर्म को फिल्मों की ओर जाने का रास्ता मिला, तो वह मां की वजह से। धर्मेंद्र जी बताते थे ...अगर मैं अपने पिताजी से परमिशन लेने का इंतज़ार करता, तो शायद कभी एक्टिंग की दुनिया में कदम न रख पाता। मेरी माँ ही थीं, जिन्होंने मेरा रास्ता आसान किया। उन्होंने कहा, 'हमारे गाँव नरसाली में कोई थिएटर नहीं था। मैं स्कूल से कभी बहाना बनाकर, कभी तेज़ी से निकलकर, शहर जाकर फिल्में देखता था। माँ मुझे अक्सर पैसे दे देती थीं… घर के खर्च में बचने वाले रुपये चुपचाप मुझे पकड़ा देती थीं। अगर माँ का साथ न होता, तो मैं शायद कभी अभिनेता नहीं बन पाता।' परिवार सोचता था कि शादी जल्दी करा देंगे तो जिम्मेदारी समझ आएगी ...शादी के बाद खेती करेगा, घर संभालेगा…लेकिन किस्मत ने कुछ और ही लिखा था — धर्मेंद्र जी फिल्मों की दुनिया में स्टार बन गए।
धर्मेंद्र के साथ पूजा सामंत
- फोटो : अमर उजाला
ईशा देओल के जन्म पर ब्रीच कैंडी अस्पताल का पूरा फ्लोर बुक कर दिया था
जब धर्मेंद्र जी या हेमा जी के इंटरव्यू होते थे, तब क्या कभी प्रकाश जी का जिक्र आया? इस सवाल पर पूजा ने साफ-साफ कहा- नहीं, प्रकाश जी का कभी कोई जिक्र नहीं हुआ। न धर्म जी ने उनका नाम लिया और न ही हेमा जी ने। हमने भी कभी इस विषय को छेड़ा नहीं। बात हमेशा काम, परिवार, फिल्मों या बच्चों तक ही सीमित रही। हेमा जी के साथ जितनी बार भी इंटरव्यू हुए...अक्सर उनके घर या बंगले में ...बात धर्म जी की खुशी पर जरूर आती थी, खासकर जब उनकी बेटी ईशा देओल के जन्म की बात होती।
हेमा जी ने बताया था ...जब ईशा पैदा हुई थी, तो धर्म जी बेहद खुश थे। उन्होंने ब्रिज कैंडी अस्पताल का पूरा फ्लोर बुक कर दिया था ताकि किसी और को उस एरिया में एंट्री न मिले। जो नर्स बच्ची के जन्म की खबर लेकर आई थी, धर्म जी ने उसे सोने की चेन दे दी थी...खुशी में.. उस समय धर्म जी के पहले से दो बेटे थे। इसलिए जब बेटी हुई, तो उन्हें बहुत प्रसन्नता हुई। हेमा जी कहती हैं ...उनके चेहरे पर खुशी साफ़ झलक रही थी… वो उस पल को बहुत संजोकर रखे थे। लेकिन प्रकाश जी का जिक्र...चाहे धर्म जी से बात हो या हेमा जी से ... कभी सामने नहीं आया। बातचीत हमेशा सलीकेदार और इज़्ज़त भरी रही।
जब धर्म जी ने अपने पीआर को तोहफे में प्रीमियर कार दी
हमने धर्म जी को कई फिल्मों की शूटिंग के दौरान करीब से देखा है। वे सच में एक डेयरडेविल एक्टर थे। अपने एक्शन और स्टंट सीक्वेंस वे हमेशा खुद करना चाहते थे। निर्माता कई बार उन्हें स्टंटमैन या डुप्लिकेट लेने की सलाह देते, लेकिन धर्म जी ने हमेशा अपने सीन्स खुद ही किए।
वे एक समय में कई फिल्में करते थे, लेकिन ऐसा कभी सुनने में नहीं आया कि उनकी वजह से किसी निर्माता को नुकसान हुआ हो। वे बड़े दिलदार इंसान थे ... किसी ने उनसे मदद मांगी हो और उन्होंने ना कर दी हो, ऐसा शायद ही कभी हुआ हो। अपने बेटे सनी देओल को लॉन्च करने के लिए जब उन्होंने ‘बेताब’ फिल्म बनाई, उस समय उनके पीआर थे राजा सेतिया जी। तयशुदा मेहनताना तो धर्म जी ने उन्हें दे ही दिया था। लेकिन जब धर्म जी ने देखा कि बेताब चारों ओर से शानदार प्रतिक्रिया पा रही है, तो वे बहुत खुश थे।
एक दिन धर्म जी सनी सुपर साउंड में कुछ दोस्तों के साथ बैठे थे। वहां राजा सेतिया जी भी मौजूद थे। मज़ाकिया अंदाज़ में धर्म जी ने पंजाबी में कहा - चलो, फिल्म तुम्हारी मेहनत की वजह से चली। बोल, क्या चाहते हो? राजा जी ने कहा कि उन्हें कुछ नहीं चाहिए। धर्म जी ने फिर प्यार से कहा...तेरे पास कार नहीं है, चलो तुझे कार ही दे देता हूँ। और उस समय उन्होंने प्रीमियर पद्मिनी कार उन्हें तोहफे में दे दी..निर्माता अपने पीआर या टीम को इस तरह मालामाल कर दें, ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है। धर्म जी सचमुच बहुत ही दिलदार इंसान और एक अनोखे एक्टर थे। ऐसे कलाकार आजकल कम ही देखने को मिलते हैं।
जब धर्मेंद्र जी या हेमा जी के इंटरव्यू होते थे, तब क्या कभी प्रकाश जी का जिक्र आया? इस सवाल पर पूजा ने साफ-साफ कहा- नहीं, प्रकाश जी का कभी कोई जिक्र नहीं हुआ। न धर्म जी ने उनका नाम लिया और न ही हेमा जी ने। हमने भी कभी इस विषय को छेड़ा नहीं। बात हमेशा काम, परिवार, फिल्मों या बच्चों तक ही सीमित रही। हेमा जी के साथ जितनी बार भी इंटरव्यू हुए...अक्सर उनके घर या बंगले में ...बात धर्म जी की खुशी पर जरूर आती थी, खासकर जब उनकी बेटी ईशा देओल के जन्म की बात होती।
हेमा जी ने बताया था ...जब ईशा पैदा हुई थी, तो धर्म जी बेहद खुश थे। उन्होंने ब्रिज कैंडी अस्पताल का पूरा फ्लोर बुक कर दिया था ताकि किसी और को उस एरिया में एंट्री न मिले। जो नर्स बच्ची के जन्म की खबर लेकर आई थी, धर्म जी ने उसे सोने की चेन दे दी थी...खुशी में.. उस समय धर्म जी के पहले से दो बेटे थे। इसलिए जब बेटी हुई, तो उन्हें बहुत प्रसन्नता हुई। हेमा जी कहती हैं ...उनके चेहरे पर खुशी साफ़ झलक रही थी… वो उस पल को बहुत संजोकर रखे थे। लेकिन प्रकाश जी का जिक्र...चाहे धर्म जी से बात हो या हेमा जी से ... कभी सामने नहीं आया। बातचीत हमेशा सलीकेदार और इज़्ज़त भरी रही।
जब धर्म जी ने अपने पीआर को तोहफे में प्रीमियर कार दी
हमने धर्म जी को कई फिल्मों की शूटिंग के दौरान करीब से देखा है। वे सच में एक डेयरडेविल एक्टर थे। अपने एक्शन और स्टंट सीक्वेंस वे हमेशा खुद करना चाहते थे। निर्माता कई बार उन्हें स्टंटमैन या डुप्लिकेट लेने की सलाह देते, लेकिन धर्म जी ने हमेशा अपने सीन्स खुद ही किए।
वे एक समय में कई फिल्में करते थे, लेकिन ऐसा कभी सुनने में नहीं आया कि उनकी वजह से किसी निर्माता को नुकसान हुआ हो। वे बड़े दिलदार इंसान थे ... किसी ने उनसे मदद मांगी हो और उन्होंने ना कर दी हो, ऐसा शायद ही कभी हुआ हो। अपने बेटे सनी देओल को लॉन्च करने के लिए जब उन्होंने ‘बेताब’ फिल्म बनाई, उस समय उनके पीआर थे राजा सेतिया जी। तयशुदा मेहनताना तो धर्म जी ने उन्हें दे ही दिया था। लेकिन जब धर्म जी ने देखा कि बेताब चारों ओर से शानदार प्रतिक्रिया पा रही है, तो वे बहुत खुश थे।
एक दिन धर्म जी सनी सुपर साउंड में कुछ दोस्तों के साथ बैठे थे। वहां राजा सेतिया जी भी मौजूद थे। मज़ाकिया अंदाज़ में धर्म जी ने पंजाबी में कहा - चलो, फिल्म तुम्हारी मेहनत की वजह से चली। बोल, क्या चाहते हो? राजा जी ने कहा कि उन्हें कुछ नहीं चाहिए। धर्म जी ने फिर प्यार से कहा...तेरे पास कार नहीं है, चलो तुझे कार ही दे देता हूँ। और उस समय उन्होंने प्रीमियर पद्मिनी कार उन्हें तोहफे में दे दी..निर्माता अपने पीआर या टीम को इस तरह मालामाल कर दें, ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है। धर्म जी सचमुच बहुत ही दिलदार इंसान और एक अनोखे एक्टर थे। ऐसे कलाकार आजकल कम ही देखने को मिलते हैं।