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Elvish Yadav: 'मदद करने के बदले पैसे लेने की मेरी आदत नहीं', आरोपों पर एल्विश यादव का करारा जवाब
एंटरटेनमेंट डेस्क, अमर उजाला
Published by: हिमांशु सोनी
Updated Sun, 21 Dec 2025 10:56 AM IST
सार
Elvish Yadav NGO Scam Controversy: यूट्यबर और बिग बॉस ओटीटी 2 के विजेता एल्विश यादव ने अब एनजीओ स्कैम विवाद को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ी है। मुनव्वर फारूकी के सवाल उठाने के बाद अब एल्विश ने मामले पर अपना रिएक्शन दिया है।
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एल्विश यादव और मुनव्वर फारूकी
- फोटो : एक्स
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विस्तार
यूट्यूबर और 'बिग बॉस ओटीटी 2' के विजेता एल्विश यादव एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वजह कोई शो या वीडियो नहीं, बल्कि उन पर लगे एनजीओ स्कैम के आरोप हैं। सोशल मीडिया पर चल रही चर्चाओं के बीच एल्विश ने चुप्पी तोड़ते हुए एक वीडियो जारी किया और साफ शब्दों में खुद को बेगुनाह बताया। उनका कहना है कि वो किसी की मदद करने के बदले कभी पैसे नहीं लेते और उन्हें बदनाम करने के लिए जानबूझकर बातें फैलाई जा रही हैं।
कैसे शुरू हुआ पूरा विवाद?
दरअसल, एल्विश यादव ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक भावनात्मक वीडियो शेयर कर एक बीमार बच्चे की मदद की अपील की थी। बच्चा स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) नाम की गंभीर बीमारी से जूझ रहा है, जिसके इलाज के लिए करोड़ों रुपये के इंजेक्शन की जरूरत बताई गई थी। एल्विश की इस अपील के बाद बड़ी संख्या में लोग मदद के लिए आगे आए।
मुनव्वर फारूकी ने उठाए थे सवाल
इसी बीच स्टैंड-अप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी ने एक इंस्टाग्राम स्टोरी शेयर की, जिसमें उन्होंने दावा किया कि कुछ एनजीओ सेलेब्रिटीज और इन्फ्लुएंसर्स को भावनात्मक अपील करने के लिए पैसे देते हैं। हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन सोशल मीडिया यूजर्स ने इस बयान को एल्विश से जोड़कर देखना शुरू कर दिया।
एल्विश यादव का सीधा और तीखा बयान
इन आरोपों के बाद एल्विश यादव ने वीडियो के जरिए अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि वो आमतौर पर विवादों से दूरी बनाकर रखते हैं, लेकिन इस बार उन्हें जवाब देना जरूरी लगा। एल्विश के मुताबिक, अगर कोई संस्था उन्हें पैसे दे रही होती तो फिर मदद की जरूरत ही क्यों पड़ती। उन्होंने यह भी साफ किया कि जिस कैंपेन को उन्होंने शेयर किया था, उसके सभी डॉक्यूमेंट्स, डॉक्टर्स की जानकारी और डोनेशन डिटेल्स पूरी तरह से सार्वजनिक थीं।
यह खबर भी पढ़ें: कार हादसे पर नोरा फतेही ने तोड़ी चुप्पी, बताई कैसी है हालत? फैंस को दी ये नसीहत
एल्विश ने यह भी कहा कि भगवान की कृपा से वो अपने काम से अच्छी कमाई करते हैं और ऐसे छोटे मामलों में स्कैम करने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने आरोप लगाने वालों पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोगों को बस दूसरों को नीचा दिखाने का बहाना चाहिए।
ट्रांसपेरेंसी पर दिया जोर
एल्विश ने बताया कि डोनेशन कैंपेन एक भरोसेमंद प्लेटफॉर्म पर चल रहा था, जहां फंड ट्रैकिंग, QR कोड और एनजीओ की पूरी जानकारी मौजूद थी। उनके मुताबिक, किसी दोस्त के जरिए जब मामला उनके पास आया, तो उन्होंने सारे कागजात देखने के बाद ही मदद की अपील की थी।
मुनव्वर फारूकी का पक्ष
वहीं मुनव्वर फारूकी ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने विदेश दौरे के दौरान एक संदिग्ध फंडरेजिंग प्रमोशन को ठुकरा दिया था। उन्होंने ऐसे मामलों में सावधानी बरतने की सलाह दी और कहा कि भलाई के नाम पर भी बिजनेस मॉडल चलाए जाते हैं, जिससे सतर्क रहना जरूरी है।
सोशल मीडिया पर दो हिस्सों में बंटी राय
इस पूरे मामले के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। एक वर्ग एल्विश यादव के समर्थन में खड़ा है और उन्हें ईमानदार बता रहा है, तो वहीं दूसरा वर्ग सेलेब्रिटी फंडरेजिंग को लेकर सवाल उठा रहा है। फिलहाल एल्विश ने अपनी बात स्पष्ट कर दी है और अब आगे की सच्चाई जांच और समय के साथ सामने आएगी।
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कैसे शुरू हुआ पूरा विवाद?
दरअसल, एल्विश यादव ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक भावनात्मक वीडियो शेयर कर एक बीमार बच्चे की मदद की अपील की थी। बच्चा स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) नाम की गंभीर बीमारी से जूझ रहा है, जिसके इलाज के लिए करोड़ों रुपये के इंजेक्शन की जरूरत बताई गई थी। एल्विश की इस अपील के बाद बड़ी संख्या में लोग मदद के लिए आगे आए।
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मुनव्वर फारूकी ने उठाए थे सवाल
इसी बीच स्टैंड-अप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी ने एक इंस्टाग्राम स्टोरी शेयर की, जिसमें उन्होंने दावा किया कि कुछ एनजीओ सेलेब्रिटीज और इन्फ्लुएंसर्स को भावनात्मक अपील करने के लिए पैसे देते हैं। हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन सोशल मीडिया यूजर्स ने इस बयान को एल्विश से जोड़कर देखना शुरू कर दिया।
एल्विश यादव का सीधा और तीखा बयान
इन आरोपों के बाद एल्विश यादव ने वीडियो के जरिए अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि वो आमतौर पर विवादों से दूरी बनाकर रखते हैं, लेकिन इस बार उन्हें जवाब देना जरूरी लगा। एल्विश के मुताबिक, अगर कोई संस्था उन्हें पैसे दे रही होती तो फिर मदद की जरूरत ही क्यों पड़ती। उन्होंने यह भी साफ किया कि जिस कैंपेन को उन्होंने शेयर किया था, उसके सभी डॉक्यूमेंट्स, डॉक्टर्स की जानकारी और डोनेशन डिटेल्स पूरी तरह से सार्वजनिक थीं।
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एल्विश ने यह भी कहा कि भगवान की कृपा से वो अपने काम से अच्छी कमाई करते हैं और ऐसे छोटे मामलों में स्कैम करने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने आरोप लगाने वालों पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोगों को बस दूसरों को नीचा दिखाने का बहाना चाहिए।
ट्रांसपेरेंसी पर दिया जोर
एल्विश ने बताया कि डोनेशन कैंपेन एक भरोसेमंद प्लेटफॉर्म पर चल रहा था, जहां फंड ट्रैकिंग, QR कोड और एनजीओ की पूरी जानकारी मौजूद थी। उनके मुताबिक, किसी दोस्त के जरिए जब मामला उनके पास आया, तो उन्होंने सारे कागजात देखने के बाद ही मदद की अपील की थी।
मुनव्वर फारूकी का पक्ष
वहीं मुनव्वर फारूकी ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने विदेश दौरे के दौरान एक संदिग्ध फंडरेजिंग प्रमोशन को ठुकरा दिया था। उन्होंने ऐसे मामलों में सावधानी बरतने की सलाह दी और कहा कि भलाई के नाम पर भी बिजनेस मॉडल चलाए जाते हैं, जिससे सतर्क रहना जरूरी है।
सोशल मीडिया पर दो हिस्सों में बंटी राय
इस पूरे मामले के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। एक वर्ग एल्विश यादव के समर्थन में खड़ा है और उन्हें ईमानदार बता रहा है, तो वहीं दूसरा वर्ग सेलेब्रिटी फंडरेजिंग को लेकर सवाल उठा रहा है। फिलहाल एल्विश ने अपनी बात स्पष्ट कर दी है और अब आगे की सच्चाई जांच और समय के साथ सामने आएगी।