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Prasoon Joshi: 17 की उम्र में प्रसून जोशी ने लिखी किताब, बॉलीवुड को दिए शानदार गाने और कई ब्रांड को दी टैगलाइन
एंटरटेनमेंट डेस्क, अमर उजाला
Published by: सिराजुद्दीन
Updated Tue, 16 Sep 2025 01:07 AM IST
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सार
Prasoon Joshi Birthday Special: बॉलीवुड के कई बेहतरीन गाने लिखने वाले प्रसून जोशी आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं। आइए जानते हैं उनके फिल्मी सफर के बारे में।

प्रसून जोशी
- फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
बॉलीवुड फिल्मों को कई बेहतरीन गाने देने वाले गीतकार प्रसून जोशी का आज 54वां जन्मदिन है। वह 16 सितंबर 1971 को उत्तराखंड के जिला अल्मोड़ा में जन्मे। उन्होंने कई फिल्मों के लिए बेहतरीन डायलॉग्स भी लिखे। उन्हें 11 अगस्त 2017 को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। आज उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको उनसे जुड़ी कुछ खास बाते बता रहे हैं।
17 साल की उम्र में लिखी किताब
कई फिल्मों की पटकथा लिखने वाले प्रसून जोशी को बचपन से लिखने-पढ़ने का शौक था। उन्होंने सिर्फ 17 साल की उम्र में अपनी पहली किताब 'मैं और वो' लिखी। उन्होंने भौतिक विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। इसके बाद एमबीए की पढ़ाई की। पढ़ाई के बाद वह दिल्ली में एक विज्ञापन कंपनी के साथ जुड़े। इसके बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कंपनी 'मैकऐन इरेक्शन' में कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर काम किया।

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17 साल की उम्र में लिखी किताब
कई फिल्मों की पटकथा लिखने वाले प्रसून जोशी को बचपन से लिखने-पढ़ने का शौक था। उन्होंने सिर्फ 17 साल की उम्र में अपनी पहली किताब 'मैं और वो' लिखी। उन्होंने भौतिक विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। इसके बाद एमबीए की पढ़ाई की। पढ़ाई के बाद वह दिल्ली में एक विज्ञापन कंपनी के साथ जुड़े। इसके बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कंपनी 'मैकऐन इरेक्शन' में कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर काम किया।
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प्रसून जोशी
- फोटो : सोशल मीडिया
बॉलीवुड में बनाया करियर
लेखक प्रसून जोशी ने बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत राजकुमार संतोषी की फिल्म 'लज्जा' से की थी। इसके बाद उन्हें लगातार कामयाबी मिलती गई। उन्होंने 'हम तुम', 'रंग दे बसंती', 'तारे जमीन पर' और 'दिल्ली 6' जैसी फिल्मों के गाने लिखे। प्रसून जोशी कई विज्ञापनों की टैग लाइन लिखने के लिए भी जाने जाते हैं। उन्होंने 'ठंडा मतलब कोका कोला', 'अतिथि देवो भव' और 'क्लोरमिंट क्यों खाते हैं? दोबारा मत पूछना' जैसी टैगलाइन लिखी।
यह खबर भी पढ़ें: Lokah: 'कहीं आप सुपरहीरो वाली फिल्म की कामयाबी से गलत सबक न ले लें', 'लोका' की कामयाबी पर निर्देशक ने चेताया
फिल्मों के अलावा जोशी की पहचान
प्रसून जोशी और आमिर खान ने भारत के प्रधानमंत्री के कहने पर कुपोषण पर 50 शॉर्ट फिल्में बनाने का फैसला किया। जोशी के मुताबिक, आमिर और उनके बीच अच्छी बनती है क्योंकि वे अपने काम से समझौता नहीं करते। जोशी, श्याम बेनेगल और जावेद अख्तर के साथ कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 के उद्घाटन और समापन समारोहों के लिए तीन सदस्यीय कोर क्रिएटिव एडवाइजरी कमेटी का हिस्सा थे।
लेखक प्रसून जोशी ने बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत राजकुमार संतोषी की फिल्म 'लज्जा' से की थी। इसके बाद उन्हें लगातार कामयाबी मिलती गई। उन्होंने 'हम तुम', 'रंग दे बसंती', 'तारे जमीन पर' और 'दिल्ली 6' जैसी फिल्मों के गाने लिखे। प्रसून जोशी कई विज्ञापनों की टैग लाइन लिखने के लिए भी जाने जाते हैं। उन्होंने 'ठंडा मतलब कोका कोला', 'अतिथि देवो भव' और 'क्लोरमिंट क्यों खाते हैं? दोबारा मत पूछना' जैसी टैगलाइन लिखी।
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फिल्मों के अलावा जोशी की पहचान
प्रसून जोशी और आमिर खान ने भारत के प्रधानमंत्री के कहने पर कुपोषण पर 50 शॉर्ट फिल्में बनाने का फैसला किया। जोशी के मुताबिक, आमिर और उनके बीच अच्छी बनती है क्योंकि वे अपने काम से समझौता नहीं करते। जोशी, श्याम बेनेगल और जावेद अख्तर के साथ कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 के उद्घाटन और समापन समारोहों के लिए तीन सदस्यीय कोर क्रिएटिव एडवाइजरी कमेटी का हिस्सा थे।

प्रसून जोशी
- फोटो : सोशल मीडिया
गानों को मिला फिल्मफेयर अवॉर्ड
प्रसून जोशी को बॉलीवुड में बेहतरीन गाने लिखने के लिए कई बार फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला है। उन्हें 2007 में फिल्म 'फना' के गाने 'चांद सिफारिश' के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। साल 2008 में 'तारे जमीन पर' के गाने 'मां' के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। साल 2009 में फिल्म 'गजनी' के गाने 'गुजारिश' के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। इसके अलावा 2010 में 'मसक्कली...', 'रहना तू...', जिंदा...' के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला।
नेशनल फिल्म अवॉर्ड
प्रसून जोशी को साल 2008 में 'तारे जमीन पर' के गाने 'मां' के लिए नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिला। साल 2012 में फिल्म 'चित्तागोंग' के गाने 'बोलो ना' के लिए नेशनल फिल्म अवॉर्ड दिया गया। इसके अलावा प्रसून जोशी को उनके बेहतरीन गानों के लिए कई दूसरे अवॉर्ड भी मिले।
प्रसून जोशी को बॉलीवुड में बेहतरीन गाने लिखने के लिए कई बार फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला है। उन्हें 2007 में फिल्म 'फना' के गाने 'चांद सिफारिश' के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। साल 2008 में 'तारे जमीन पर' के गाने 'मां' के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। साल 2009 में फिल्म 'गजनी' के गाने 'गुजारिश' के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। इसके अलावा 2010 में 'मसक्कली...', 'रहना तू...', जिंदा...' के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला।
नेशनल फिल्म अवॉर्ड
प्रसून जोशी को साल 2008 में 'तारे जमीन पर' के गाने 'मां' के लिए नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिला। साल 2012 में फिल्म 'चित्तागोंग' के गाने 'बोलो ना' के लिए नेशनल फिल्म अवॉर्ड दिया गया। इसके अलावा प्रसून जोशी को उनके बेहतरीन गानों के लिए कई दूसरे अवॉर्ड भी मिले।

प्रसून जोशी
- फोटो : सोशल मीडिया
प्रसून जोशी के कुछ मशहूर गाने
कैसे मुझे तुम मिल गई- गजनी
कहता ये पल, खुद से निकल- नीरजा
सैय्यां छेड़ देवे, ननद चुटकी लेवे- डेल्ही 6
देखो इन्हें ये हैं ओस की बूंदें- तारे जमीन पर
मेरे हाथ में तेरा हाथ हो- फना
लुका छुपी बहुत हुई सामने आ जा ना- रंग दे बसंती
मस्ती की पाठशाला- रंद दे बसंती
सांस अलबेली- आरक्षण
हमसे प्यार कर ले तू- तेरी मेरी कहानी
जीने के इशारे- फिर मिलेंगे
कैसे मुझे तुम मिल गई- गजनी
कहता ये पल, खुद से निकल- नीरजा
सैय्यां छेड़ देवे, ननद चुटकी लेवे- डेल्ही 6
देखो इन्हें ये हैं ओस की बूंदें- तारे जमीन पर
मेरे हाथ में तेरा हाथ हो- फना
लुका छुपी बहुत हुई सामने आ जा ना- रंग दे बसंती
मस्ती की पाठशाला- रंद दे बसंती
सांस अलबेली- आरक्षण
हमसे प्यार कर ले तू- तेरी मेरी कहानी
जीने के इशारे- फिर मिलेंगे