Rani Mukerji: रानी को ऐसे मिली थी राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने की खबर, शाहरुख के साथ अपनी इस फिल्म को बताया ‘असहज’
Rani Mukerji On National Award: बॉलीवुड अभिनेत्री रानी मुखर्जी ने हाल ही में खुद को राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने और पिता के सपने सच होने के बारे में बात की। साथ ही उन्होंने अपनी एक फिल्म का भी जिक्र किया, जो असहज थी।
विस्तार
रानी मुखर्जी को बीते दिनों फिल्म 'मिसेज चटर्जी वर्सेज नार्वे' के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। अब एक इंटरव्यू में अभिनेत्री ने यह पुरस्कार मिलने और साथ ही 2006 में रिलीज हुई अपनी फिल्म 'कभी अलविदा ना कहना' के बारे में विचार प्रकट किए। उन्होंने इस फिल्म को साहसी बताया, जिसने समाज के नियम-कानून से परे जाकर दर्शकों को सच दिखाने का काम किया। आइए जानते हैं एक्ट्रेस ने क्या कहा।
कैसी मिली थी रानी मुखर्जी को नेशनल अवॉर्ड की खबर?
एएनआई से बातचीत में रानी मुखर्जी ने कहा, 'मैं उस दिन गृह प्रवेश पूजा कर रही थी। मैंने पूजा पूरी की, बैठ गई और मेरी मां भी नई जगह देखने आई थीं। मैं उन्हें बता रही थी कि जिस जगह मैंने पूजा की थी वह पिताजी का कमरा था और हमने वहां बहुत समय बिताया था।' आगे उन्होंने कहा, 'जब मैं कुर्सी पर बैठी और मां से बात कर ही रही थी, तभी अचानक मुझे एक मैसेज और फोन आया, जिसमें बताया गया कि मैंने राष्ट्रीय पुरस्कार जीत लिया है। फिर मैं सोच में पड़ गई, 'हे भगवान!' जब मैं इंडस्ट्री में थी, तब मेरे पिता की यही ख्वाहिश थी। वह हर साल मेरा हौसला बढ़ाते थे, उम्मीद करते थे कि मैं अपने किसी प्रदर्शन के लिए पुरस्कार जीतूं और उनके जीवित रहते ऐसा कभी नहीं हुआ।' यह खबर सुन उनकी मां रोने लगी थीं, क्योंकि ये एक्ट्रेस के पिता का सपना था।
समय से आगे है यह फिल्म
आगे उन्होंने 'कभी अलविदा ना कहना' फिल्म के बारे में बात की। उन्होंने कहा, ‘ऐसी फिल्मों का हिस्सा बनकर अच्छा लगता है जो अपने समय से आगे हैं। हो सकता है कि भारत इसके लिए तैयार न हो, लेकिन इतिहास में, जब लोग आपकी फिल्मों के बारे में बात करेंगे, तो वे उन्हें देश के सामने खुलकर बोलने और ऐसे दर्शकों को संबोधित करने के लिए याद रखेंगे। जो सच्चाई का सामना करने के लिए तैयार नहीं हैं। लेकिन इसने लोगों को असहज भी किया, क्योंकि इसने उन्हें अपने जीवन की सच्चाई देखने का मौका दिया।’
EP-350 | Rani Mukerji’s First-Ever Podcast Premieres Today at 5 PM IST
— ANI (@ANI) October 1, 2025
“When you have people rooting for you, that’s the most satisfying feeling.” Rani Mukerji on winning the National Award
“Shah Rukh’s second name is Love…” Rani Mukerji
“Maybe India wasn’t ready for Kabhi… pic.twitter.com/zrD5Lo7LoK
‘कभी अलविदा ना कहना’ ने सच दिखाया
अभिनेत्री ने 'कभी अलविदा ना कहना' फिल्म की कहानी के बारे में बात करते हुए उसे सच कहा। उन्होंन बताया, ‘एक अच्छा इंसान होने और पत्नी से प्यार करने के बावजूद, रिश्ते में और भी बहुत कुछ है। सिर्फ इसलिए कि आपका पति आपको मारता नहीं है, वह उसे सबसे अच्छा पति नहीं बना देगा। साथ ही, किसी व्यक्ति से प्यार करना भी उतना ही जरूरी है। हमारी पिछली पीढ़ियों ने कई बार समझौता किया था। वे बस एक अच्छे पति के साथ खुश थीं जो उन्हें प्यार करता है।’
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इस वजह से शादियां टूट रहीं
अभिनेत्री ने आगे विवाहित जोड़ों के बीच शारीरिक आकर्षण के विषय पर भी बात की और बताया कि कैसे कई शादियां इसी वजह से टूट गई हैं। उन्होंने आगे कहा, 'ये सभी विषय 'कभी अलविदा ना कहना' में थे और उस समय असहज लग रहे थे।' एक्ट्रेस ने बताया कि कैसे महिलाओं को अपनी पसंद चुनने के लिए कई सामाजिक कलंकों का सामना करना पड़ता है, इसके लिए रानी ने फिर से फिल्म के किरदारों का हवाला दिया। एक्ट्रेस ने बोला, 'जब कोई पुरुष चुनाव करता है, तो लोग इससे सहमत होते हैं। लेकिन जब कोई महिला यह तय करती है कि वह शादी से बाहर रहना चाहती है या किसी रिश्ते से, तो यह हमेशा लोगों को हैरान कर देता है।'
कभी अलविदा ना कहना फिल्म के बारे में
करण जौहर द्वारा निर्देशित फिल्म 'कभी अलविदा ना कहना' साल 2006 में रिलीज हुई थी। इसमें रानी मुखर्जी के अलावा शाहरुख खान, प्रीति जिंटा, अभिषेक बच्चन, अमिताभ बच्चन जैसे आदि कलाकार मौजूद थे।
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