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अमिताभ से भी ज्यादा फीस वसूलते थे शशि कपूर, एक समय काम मिलना हो गया था बंद; पढ़ें अभिनेता से जुड़े रोचक किस्से
एंटरटेनमेंट डेस्क, अमर उजाला
Published by: हिमांशु सोनी
Updated Thu, 04 Dec 2025 08:01 AM IST
सार
Shashi Kapoor Death Anniversary: दिग्गज अभिनेता शशि कपूर की आज 8वीं पुण्यतिथि है। उन्होंने लंबी बीमारी के बाद 4 दिसंबर 2017 को मुंबई में अंतिम सांस ली थी। इस मौके पर जानते हैं उनकी जिंदगी से जुड़े किस्से।
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शशि कपूर
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
शशि कपूर अपने जमाने में बॉलीवुड के सुपरस्टार थे। अपनी अदाकारी से वह फिल्मों में जान डाल देते थे। उन्होंने देश-विदेश में अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया था और इंडस्ट्री में अलग पहचान बनाई। जब शशि कपूर ने इस दुनिया को अलविदा कहा, तब हिंदी सिनेमा को बहुत बड़ा झटका लगा था। आज भी उनकी फिल्में और डायलॉग लोगों के दिलों में जिंदा हैं।
शशि कपूर का करियर
शशि कपूर अपने करियर की शुरुआत एक बाल कलाकार के रूप में की थी। उन्होंने अपने पिता पृथ्वीराज कपूर द्वारा निर्देशित और निर्मित नाटकों में अभिनय किया और बाद में 1940 के दशक के अंत में शशिराज के नाम से बाल कलाकार के रूप में शुरुआत की। बाल कलाकार के रूप में उनकी सबसे प्रसिद्ध भूमिकाएं आग (1948) और आवारा (1951) में थीं, जहां उन्होंने अपने बड़े भाई राज कपूर द्वारा निभाए गए किरदारों की युवा भूमिकाएं निभाई थी।
शशि कपूर की उपलब्धियां
2011 में शशि कपूर को कला-सिनेमा में उनके योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। 2015 में उन्हें 2014 दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिससे वे पृथ्वीराज कपूर और राज कपूर के बाद भारतीय सिनेमा में सर्वोच्च पुरस्कार प्राप्त करने वाले अपने परिवार के तीसरे सदस्य बन गए।
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शशि कपूर का करियर
शशि कपूर अपने करियर की शुरुआत एक बाल कलाकार के रूप में की थी। उन्होंने अपने पिता पृथ्वीराज कपूर द्वारा निर्देशित और निर्मित नाटकों में अभिनय किया और बाद में 1940 के दशक के अंत में शशिराज के नाम से बाल कलाकार के रूप में शुरुआत की। बाल कलाकार के रूप में उनकी सबसे प्रसिद्ध भूमिकाएं आग (1948) और आवारा (1951) में थीं, जहां उन्होंने अपने बड़े भाई राज कपूर द्वारा निभाए गए किरदारों की युवा भूमिकाएं निभाई थी।
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शशि कपूर की उपलब्धियां
2011 में शशि कपूर को कला-सिनेमा में उनके योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। 2015 में उन्हें 2014 दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिससे वे पृथ्वीराज कपूर और राज कपूर के बाद भारतीय सिनेमा में सर्वोच्च पुरस्कार प्राप्त करने वाले अपने परिवार के तीसरे सदस्य बन गए।
शशि कपूर
- फोटो : यूट्यब
शशि को जब काम मिलना बंद हो गया
सिनेमा को इतनी हिट फिल्में देने के बाद एक वक्त ऐसा आया, जब शशि कपूर के करियर को भी ग्रहण लग गया। एक समय उन्हें काम मिलना बंद हो गया था। फिल्मों में काम न मिलने की वजह से वह पूरी तरह से निराश हो गए था, लेकिन उन्हें अपना घर तो चलाना ही था और इसके लिए पैसों की जरूरत थी। ऐसे में शशि कपूर को अपनी पसंदीदा स्पोर्ट्स कार बेचनी पड़ गई थी। इसके अलावा उनकी पत्नी जेनिफर को भी पैसों की तंगी के चलते अपना सामान बेचना पड़ा था।
यह खबर भी पढ़ें: 'इक्कीस' के इवेंट में अगस्त्य नंदा और सिमर भाटिया ने दिखाए जलवे, जयदीप अहलावत ने धर्मेंद्र को लेकर कही ये बात
इस बात का जिक्र शशि कपूर के बेटे कुणाल ने अपने एक इंटरव्यू में किया था। इतनी मुश्किलें देखने के बाद 70 के दशक में शशि कपूर का समय फिर आया और तब वह एक ऐसा सितारा बनकर चमके जिसकी चमक के आगे बाकी सितारे भी फीके लगने लगे थे। आज भी शशि कपूर की फिल्मों के कई दीवाने हैं। एक ओर जहां शशि कपूर ने कई सुपरहिट फिल्में दी थीं, वहीं उनकी कुछ विवादित फिल्में भी रहीं।
1958 में की जेनिफर से शादी
1958 में शशि कपूर और जेनिफर की शादी हुई। हालांकि कपूर खानदान अपने लिए विदेशी बहू को लेकर बहुत सहज नहीं हो पाया था पर शशि कपूर ने सबको मना लिया। एक साल के अंदर शशि कपूर पिता बन गए और उनके पिता ने आर्थिक दिक्कतों और स्वास्थ्यगत समस्याओं के चलते पृथ्वी थिएटर को बंद करने का फैसला कर लिया था। लेकिन जेनिफर ने शशि कपूर को इस कदर प्यार दिया कि उनके मरने के बाद भी शशि इस प्यार से बाहर नहीं निकल पाए।
जेनिफर को हुआ कैंसर
1982 में जेनिफर कैंसर की चपेट में आ गईं। शशि कपूर ने मुंबई से लेकर लंदन तक के डॉक्टरों से इलाज कराया लेकिन 7 सितंबर, 1984 को जेनिफर का निधन हो गया। इसके साथ ही शशि कपूर की दुनिया में एक ऐसा सूनापन आ गया जो कभी नहीं भरा। पत्नी के जाने के गम में वे घंटों तक अकेले बैठकर रोते। 4 दिसंबर, 2017 तक अपनी मौत के समय तक शशि कपूर, जेनिफर की यादों के साथ जीवित रहे।
सिनेमा को इतनी हिट फिल्में देने के बाद एक वक्त ऐसा आया, जब शशि कपूर के करियर को भी ग्रहण लग गया। एक समय उन्हें काम मिलना बंद हो गया था। फिल्मों में काम न मिलने की वजह से वह पूरी तरह से निराश हो गए था, लेकिन उन्हें अपना घर तो चलाना ही था और इसके लिए पैसों की जरूरत थी। ऐसे में शशि कपूर को अपनी पसंदीदा स्पोर्ट्स कार बेचनी पड़ गई थी। इसके अलावा उनकी पत्नी जेनिफर को भी पैसों की तंगी के चलते अपना सामान बेचना पड़ा था।
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इस बात का जिक्र शशि कपूर के बेटे कुणाल ने अपने एक इंटरव्यू में किया था। इतनी मुश्किलें देखने के बाद 70 के दशक में शशि कपूर का समय फिर आया और तब वह एक ऐसा सितारा बनकर चमके जिसकी चमक के आगे बाकी सितारे भी फीके लगने लगे थे। आज भी शशि कपूर की फिल्मों के कई दीवाने हैं। एक ओर जहां शशि कपूर ने कई सुपरहिट फिल्में दी थीं, वहीं उनकी कुछ विवादित फिल्में भी रहीं।
1958 में की जेनिफर से शादी
1958 में शशि कपूर और जेनिफर की शादी हुई। हालांकि कपूर खानदान अपने लिए विदेशी बहू को लेकर बहुत सहज नहीं हो पाया था पर शशि कपूर ने सबको मना लिया। एक साल के अंदर शशि कपूर पिता बन गए और उनके पिता ने आर्थिक दिक्कतों और स्वास्थ्यगत समस्याओं के चलते पृथ्वी थिएटर को बंद करने का फैसला कर लिया था। लेकिन जेनिफर ने शशि कपूर को इस कदर प्यार दिया कि उनके मरने के बाद भी शशि इस प्यार से बाहर नहीं निकल पाए।
जेनिफर को हुआ कैंसर
1982 में जेनिफर कैंसर की चपेट में आ गईं। शशि कपूर ने मुंबई से लेकर लंदन तक के डॉक्टरों से इलाज कराया लेकिन 7 सितंबर, 1984 को जेनिफर का निधन हो गया। इसके साथ ही शशि कपूर की दुनिया में एक ऐसा सूनापन आ गया जो कभी नहीं भरा। पत्नी के जाने के गम में वे घंटों तक अकेले बैठकर रोते। 4 दिसंबर, 2017 तक अपनी मौत के समय तक शशि कपूर, जेनिफर की यादों के साथ जीवित रहे।
शशि कपूर
- फोटो : एक्स @FilmHistoryPic
शशि कपूर के वो दमदार डायलॉग्स
जब रेखा को कह दिया था काली-फूहड़
शशि कपूर से जुड़ा ये किस्सा काफी चर्चाओं में रहा था। अब ये तो हर कोई जानता है कि सदाबहार अभिनेत्री रेखा को फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए कड़ी मेहनत और कई आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। 14 साल की उम्र से ही रेखा ने फिल्मों की दुनिया में कदम रख दिया था और उस वक्त वो सांवली सी थी और उनका वजन भी बढ़ा हुआ था। जिस वजह से कोई भी निर्देशक उन्हें अपनी फिल्म में नहीं लेना चाहता था। लेकिन निर्देशक मोहन सहगल ने उन्हें अपनी फिल्म में एक्ट्रेस के तौर पर लिया। फिल्म के प्रीमियर में रेखा पहुंची थीं और इसी में शशि कपूर अपनी पत्नी जेनिफर के साथ पहुंचे थे। शशि कपूर की नजर जब रेखा पर पड़ी तो उनके मुंह से निकला, 'ये मोटी, काली और फूहड़ एक्ट्रेस कैसे इंडस्ट्री में अपना मुकाम बनाएगी?' शशि कपूर ने ये बात मोहन सहगल से कही थी लेकिन जेनिफर को एहसास हुआ कि रेखा ने ये बात सुन ली थी। बात को संभालने के लिए जेनिफर ने कहा था कि आने वाले वक्त में ये लड़की इंडस्ट्री पर राज करेगी और उनकी बात सच हो गई। इस बात को वरिष्ठ पत्रकार और लेखक यासिर उस्मान ने रेखा की जीवनी 'रेखा: कैसी पहेली जिंदगानी' में लिखी है। रेखा और शशि कपूर ने कई फिल्मों में साथ में काम किया था।
- ख्वाब जिंदगी से कई ज्यादा खूबसूरत होते हैं (सत्यम शिवम सुंदरम)
- ये दुनिया एक थर्ड क्लास का डिब्बा बन गई है, जगह बहुत कम है, मुसाफिर ज्यादा (दीवार)
- ये मत सोचो कि देश तुम्हें क्या देता है...सोचो ये कि तुम देश को क्या दे सकते हो (रोटी कपड़ा और मकान)
- ये प्रेम रोग है...शुरू में दुख देता है...बाद में बहुत दुख देता है (नमक हलाल)
- हम गायब होने वालों में से नहीं है..जहां-जहां से गुजरते हैं जलवे दिखाते हैं...दोस्त तो क्या, दुश्मन भी याद रखते है (सिलसिला)
- ज्यादा पैसा आए तो नींद नहीं आती...नींद आए तो ज्यादा पैसा नहीं आता (दीवार)
- इस दुनिया में आदमी इंसान बन जाए...तो बहुत बड़ी बात है (कभी-कभी)
जब रेखा को कह दिया था काली-फूहड़
शशि कपूर से जुड़ा ये किस्सा काफी चर्चाओं में रहा था। अब ये तो हर कोई जानता है कि सदाबहार अभिनेत्री रेखा को फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए कड़ी मेहनत और कई आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। 14 साल की उम्र से ही रेखा ने फिल्मों की दुनिया में कदम रख दिया था और उस वक्त वो सांवली सी थी और उनका वजन भी बढ़ा हुआ था। जिस वजह से कोई भी निर्देशक उन्हें अपनी फिल्म में नहीं लेना चाहता था। लेकिन निर्देशक मोहन सहगल ने उन्हें अपनी फिल्म में एक्ट्रेस के तौर पर लिया। फिल्म के प्रीमियर में रेखा पहुंची थीं और इसी में शशि कपूर अपनी पत्नी जेनिफर के साथ पहुंचे थे। शशि कपूर की नजर जब रेखा पर पड़ी तो उनके मुंह से निकला, 'ये मोटी, काली और फूहड़ एक्ट्रेस कैसे इंडस्ट्री में अपना मुकाम बनाएगी?' शशि कपूर ने ये बात मोहन सहगल से कही थी लेकिन जेनिफर को एहसास हुआ कि रेखा ने ये बात सुन ली थी। बात को संभालने के लिए जेनिफर ने कहा था कि आने वाले वक्त में ये लड़की इंडस्ट्री पर राज करेगी और उनकी बात सच हो गई। इस बात को वरिष्ठ पत्रकार और लेखक यासिर उस्मान ने रेखा की जीवनी 'रेखा: कैसी पहेली जिंदगानी' में लिखी है। रेखा और शशि कपूर ने कई फिल्मों में साथ में काम किया था।