12TH Fail: ‘12वीं फेल' के लिए किसी और डायरेक्टर की खोज में थे विधु विनोद चोपड़ा, जानें फिल्म से जुड़े किस्से
12Th Fail Interesting Facts: साल 2023 में रिलीज हुई फिल्म ‘12वीं फेल’ की कहानी ने दर्शकों का दिल जीत लिया था। चलिए जानते हैं फिल्म से जुड़े किस्से।
विस्तार
विधु विनोद चोपड़ा के निर्देशन में '12वीं फेल' फिल्म रिलीज हुई थी। इस फिल्म में विक्रांत मैसी ने मुख्य भूमिका निभाई थी। साथ ही आपको बताते चलें कि 2023 में आई इस फिल्म को बेस्ट फीचर फिल्म के लिए नेशनल अवॉर्ड मिला। साथ ही अभिनेता विक्रांत मैसी को इसके लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला है। सच्ची घटना और जीवन के संघर्षों पर आधारित फिल्म '12वीं फेल' ने दर्शकों को आकर्षित करने का काम किया था। आइए जानते हैं फिल्म से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से।
किसी और निर्देशक की खोज में थे विधु विनोद चोपड़ा
'12वीं फेल' फिल्म का निर्देशन विधु विनोद चोपड़ा ने किया है। आपको बताते चलें कि विधु विनोद चोपड़ा इस फिल्म को जीवंत करने के लिए एक और निर्देशक की तलाश में थे। लेकिन जब उन्हें कोई ऐसा नहीं मिला जो कहानी से उस तरह जुड़ सके जैसा उन्होंने सोचा था। इस कारण उन्होंने इसे खुद निर्देशित करने का फैसला किया। फिर फिल्म ने इतिहास रच दिया।
मुखर्जी नगर को पर्दे पर दिखाने वाली पहली फिल्म बनी
नई दिल्ली स्थित मुखर्जी नगर में आईएएस की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों की फैक्ट्री कही जाती है। साथ ही बताया जाता है कि देश के कई डीएम, अफसर यहीं से पढ़कर निकले हैं। '12वीं फेल' फिल्म में इस दृश्य को बड़े पर्दे पर दिखाने वाली यह पहली फिल्म बन गई है। हालांकि आपको बताते चलें कि मेकर्स को इसे शूट करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी, क्योंकि वो जगह काफी भरी हुई है, जहां हर समय लोगों को भारी भीड़ होती है।
सच्ची घटना को जस के तस दिखाया
'12वीं फेल' फिल्म सच्ची घटना पर आधारित है। यह फिल्म मनोज कुमार शर्मा के वास्तविक जीवन और उनके संघर्षों पर केंद्रित है। इस फिल्म में उनके आईपीएस बनने के सफर को दिखाया गया है। साथ ही आपको बतताे चलें कि मनोज और उनकी पत्नी श्रद्धा, ने निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा को जो कहानी बताई, उसे हुबहू फिल्म में पेश किया गया है। जिस कारण से फिल्म में एक इमोशनल टच देखने को मिला।
फिल्मों में असली विद्यार्थियों को दिखाया गया
विक्रांत मैसी की फिल्म '12वीं फेल' को बिल्कुल सच्चा बनाने के लिए निर्देशक ने असली विद्यार्थियों के दृश्यों को फिल्म में दिखाया। इसमें गांव के स्कूलों से लेकर आईएएस कोचिंग सेंटरों तक, सभी असल छात्र-छात्राएं थे। बताया जाता है कि पहले उन्हें कैमरे के सामने ट्रेनिंग दी गई, फिर इसे शूट किया गया था।