Fact Check: दो साल पुराने वाहन काफिले के वीडियो से शेख हसीना का नहीं है कोई संबंध, पढ़ें पड़ताल
Fact Check: सोशल मीडिया पर बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का एक कथित वीडियो वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि शेख हसीना को दिल्ली से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज सुरक्षा में पहुंचाया गया। PTI ने अपनी पड़ताल में इस दावे को गलत पाया है।
विस्तार
सोशल मीडिया पर बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का एक कथित वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कारों और दोपहिया वाहनों का एक लंबा काफिला दिखाई दे रहा है। यूजर्स इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि भारत सरकार ने शेख हसीना को राजधानी दिल्ली से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (पूर्व में इलाहाबाद) तक कड़ी सुरक्षा में पहुंचाया।
पीटीआई फैक्ट चेक की जांच में वायरल दावा गलत पाया गया। हमारी पड़ताल में स्पष्ट हुआ कि इस वीडियो का शेख हसीना से कोई संबंध नहीं है। दरअसल, यह वीडियो 2023 से ही यूट्यूब पर उपलब्ध है और अब इसे भ्रामक दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।
दावा
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर एक यूजर मुश्ताक अहमद ने 27 फरवरी 2025 को वायरल वीडियो को पोस्ट करते हुए बांग्ला भाषा में लिखा, “ আলহামদুলিল্লাহ্ বাংলাদেশ আওয়ামী লীগ সভাপতি প্রধানমন্ত্রী শেখ হাসিনাকে।
ভারত সরকারেরসর্বোচ্চ নিরাপত্তায় পুনরায় দিল্লি এলাহাবাদে সরিয়ে নেওয়া হয়েছে। কথায় আছে মানিকে মানিক চিনে? বাকিটা ইতিহাস!!”
जिसका हिंदीअनुवाद,“अल्हमदुलिल्लाह। बांग्लादेश अवामी लीग की अध्यक्ष और प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत सरकार की सर्वोच्च सुरक्षा में दोबारा दिल्ली से इलाहाबाद ले जाया गया है। कहते हैं, "हीरा हीरे को पहचानता है।" बाकी इतिहास है!!” पोस्ट लिंक आर्काइव लिंक और स्क्रीनशॉट यहां देखें।
वहीं, एक अन्य यूजर ने 27 फरवरी 2025 को समान दावे के साथ वायरल पोस्ट को शेयर किया है। पोस्ट लिंक आर्काइव लिंक और स्क्रीनशॉट यहां देखें।
पड़ताल
पीटीआई फैक्ट चेक डेस्क ने शेख हसीना को भारी सुरक्षा में दिल्ली से प्रयागराज ले जाने जैसे संबंधित कीवर्ड से गूगल पर ओपन सर्च किया, लेकिन हमें कोई भी आधिकारिक मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली।
पड़ताल के अगले चरण में, डेस्क ने वायरल वीडियो के 'की-फ्रेम्स' को गूगल लेंस की मदद से रिवर्स इमेज सर्च किया। इस दौरान हमें 'Abhishek UPSC Lover' नाम के यूट्यूब हैंडल पर यही वीडियो एक रील के रूप में मिला, जिसका कैप्शन था— "IAS और SDM का काफिला"। पोस्ट का लिंक और स्क्रीनशॉट यहां देखें।
पड़ताल को आगे बढ़ाने पर डेस्क को ‘NEWS AGRADOOT’ यूट्यूब चैनल पर यही वायरल वीडियो मिला, जिसे 7 मार्च 2023 को अपलोड किया गया था, लेकिन तारीख के अलावा कोई भी जानकारी नहीं थी। पोस्ट का लिंक आर्काइव लिंक और स्क्रीनशॉट यहां देखें।
‘NEWS AGRADOOT’ के यूट्यूब चैनल पर वायरल वीडियो मिलने के बाद हमारी पड़ताल में साफ हो गया कि यह वीडियो दो साल पहले से यूट्यूब पर है। हालांकि, हमें वायरल वीडियो के फिल्माए जाने की सटीक तारीख और समय नहीं मिला। लेकिन यह वीडियो 2023 से ही उपलब्ध है और इसका शेख हसीना से कोई संबंध नहीं है। वीडियो को गौर से देखने पर पता चलता है कि इसमें दिखाई देने वाले सभी वाहन छत्तीसगढ़ के हैं, क्योंकि उन पर छत्तीसगढ़ का वाहन पंजीकरण कोड दर्ज है। नीचे देखे स्क्रीनशॉट
हमारी पड़ताल में स्पष्ट हुआ कि इस वीडियो का शेख हसीना से कोई संबंध नहीं है। दरअसल, यह वीडियो 2023 से ही यूट्यूब पर उपलब्ध है और अब इसे भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
(This story was originally published by PTI as part of the Shakti Collective. Except for the headline and opening introduction para this story has not been edited by Amar Ujala staff)