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Fact Check: बिहार के युवक ने मात्र 7000 रुपये में खुद से बनाया प्लेन, पड़ताल में पढ़ें पूरा सच

फैक्ट चेक डेस्क , अमर उजाला Published by: अस्मिता त्रिपाठी Updated Fri, 01 Aug 2025 07:30 PM IST
सार

Fact Check: सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर दावा किया जा रहा है कि बिहार के एक युवक ने मात्र 7000 रुपये में प्लेन बनाया है। हमने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। 

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A youth from Bihar made a plane by himself for just Rs 7000, read the full truth in the investigation
फैक्ट चेक - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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सोशल मीडिया पर इन दिनों एक तस्वीर वायरल हो रही है। तस्वीर में एक प्लेन उड़ते हुए नजर आ रहा है। इसके साथ ही आसपास भीड़ भी नजर आ रही है। तस्वीर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि बिहार के एक युवक ने कबाड़ सामग्री से मात्र 7000 रुपये में प्लेन बनाया है।

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अमर उजाला ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। हमने पाया कि यह तस्वीर भारत की नहीं है। बल्कि यह तस्वीर पड़ोसी देश बांग्लादेश की है। 

क्या है दावा?
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि बिहार के एक युवक ने मात्र सात हजार रुपये में प्लेन बनाया है। टाइम्स एल्जेब्रा (@टाइम्सएल्जेब्राIND) नाम के हैंडल ने लिखा “बड़ी खबर- बिहार के मुजफ्फरपुर के एक किशोर अवनीश कुमार ने सिर्फ कबाड़ सामग्री का इस्तेमाल कर के, एक हफ्ते में एक उड़ने वाला विमान बनाया है। उन्होंने एक हफ्ते में सिर्फ ₹7,000 की लागत से यह विमान बनाया है। इस छोटे विमान के उड़ान भरने के वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिससे उनकी रचनात्मकता और नवाचार की खूब तारीफ हो रही है। कई लोग उन्हें एक युवा प्रतिभा कह रहे हैं। पोस्ट का लिंक आप यहां और आर्काइव लिंक यहां देख सकते हैं।

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इसी तरह के कई अन्य दावों के लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं। इनके आर्काइव लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं।

पड़ताल 

इस दावे की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। इस दौरान हमें फेसबुक पेज पर कृष्णा टीवी की एक पोस्ट मिली। इस पोस्ट को मार्च 2025 में साझा किया गया। पोस्ट में बांग्ला भाषा में लिखा है, “किसान के बेटे जुलहास का विमान हजारों लोगों के सामने फिर आसमान में उड़ा। माणिकगंज के बेटे जुलहास का विमान।”

 

यहां से पता चलता है कि वायरल वीडियो बांग्लादेश के माणिकगंज का है। इस वीडियो का भारत से कोई संबंध नहीं है।

इसके बाद हमने आगे की पड़ताल में कीवर्ड के माध्यम से की। इस दौरान हमें द फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट मिली। यह रिपोर्ट 4 मार्च को प्रकाशित की गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि  शिबाला उपजिला के शैतघर तेओटा गांव के 28 वर्षीय इलेक्ट्रॉनिक मैकेनिक जुलहास मोल्ला ने रेडियो नियंत्रित विमान बनाया और इसे सफलतापूर्वक उड़ाया है। जुलहास के इस प्रयास की लोगों ने सराहना की। विमान ने मंगलवार को सुबह करीब 11 बजे जफरगंज के जमुना चार से उड़ान भरी, जिसे देखने के लिए सैकड़ों लोग जमा हो गए। इस उपलब्धि को देखने के लिए माणिकगंज के उपायुक्त, उपजिला निरबाही अधिकारी, जनप्रतिनिधि और विभिन्न क्षेत्रों के लोग वहां उपस्थित थे।

इसके बाद हमें द डेली स्टार की रिपोर्ट मिली। यह रिपोर्ट 6 मार्च 2025 को प्रकाशित की गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि 4 मार्च 2025 को, यमुना नदी के किनारे, जाफरगंज के आसमान एक अद्भुत कारनामे के गवाह बने। शिबलया उपजिला के शैतगर तेओटा गांव के 28 वर्षीय इलेक्ट्रॉनिक मैकेनिक जुलहास मोल्ला ने अपने हाथों से बनाया एक अल्ट्रालाइट विमान सफलतापूर्वक उड़ाया। यह कोई साधारण उड़ान नहीं थी। 100 किलोग्राम से ज्यादा वजन वाला यह विमान, एल्युमीनियम, स्टेनलेस स्टील और लोहे के मिश्रण से बना है। जुलहास ने पूरी तरह से इसे अपने हाथों से ही बनाया है। डिजिटल स्पीडोमीटर से लैस और एक साधारण 7-हॉर्सपावर के वाटर पंप इंजन से संचालित, यह विमान 50 फीट की ऊंचाई तक पहुंचा। उसके बाद जुलहास ने इसे सुरक्षित रूप से जमीन पर वापस लैंड करा दिया। यह एक गौरव का क्षण था सिर्फ उनके लिए, बल्कि उन सभी के लिए जिन्हें शक था कि एक छोटे से बांग्लादेशी गांव में ऐसी उपलब्धि संभव है।

पड़ताल का नतीजा
हमने अपनी पड़ताल में वायरल दावा को भ्रामक पाया है। वायरल वीडियो बांग्लादेश का है, जिसे भारत का बताकर शेयर किया जा रहा है। 

 

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