Fact Check: गोरिल्ला द्वारा बच्चे को उठाकर मां को सौंपने के एआई वीडियो को असली घटना बताकर किया जा रहा शेयर
Fact Check: सोशल मीडिया पर एक गोरिल्ला द्वारा छोटे बच्चे को उठाकर उसकी मां को सौंपे जाने का वीडियो शेयर किया जा रहा है। वीडियो को शेयर करके दावा किया जा रहा है कि यह घटना ब्रोंक्स चिड़ियाघर में हुई है। हमारी पड़ताल में यह दावा गलत निकला है।
विस्तार
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है। वीडियो में दिख रहा है कि एक दीवार के एक तरफ एक महिला खड़ी है और दूसरी तरफ एक छोटा सा बच्चा है। वहां एक गोरिल्ला पहुंचता है और उस बच्चे को उठाकर महिला को सौंप देता है। इस वीडियो को शेयर करके दावा किया जा रहा है कि ब्रोंक्स चिड़ियाघर में एक महिला अपने बच्चे के साथ टहल रही होती है। उसी समय बच्चा बाड़े के दूसरी तरफ गिर जाता है। लेकिन वहां एक गोरिल्ला पहुंचता है और बच्चे को उठाकर मां को वापस कर देता है। आपको बता दें ब्रोंक्स चिड़ियाघर न्यूयॉर्क में स्थित है।
अमर उजाला के फैक्ट चेक डेस्क ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वीडियो एआई द्वारा बनाया गया था। सोशल मीडिया पर इसे असली होने के झूठे दावे के साथ शेयर करके लोगों को गुमराह किया जा रहा है।
क्या है दावा
वीडियो को शेयर करके दावा किया जा रहा है कि एक गोरिल्ले ने चिड़ियाघर में एक बच्चे को जानवरों के बाड़े से उठाकर उसे वापस मां को सौंप दिया।
हैप्पी टुगैदर (@ChonlozB) नाम के एक एक्स यूजर ने वीडियो को शेयर करके लिखा “ब्रोंक्स चिड़ियाघर में एक गोरिल्ला ने एक बच्चे को उठाकर उसकी माँ को वापस दे दिया। यह स्थिति और भी बुरी हो सकती थी।” पोस्ट का लिंक और आर्काइव लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं।
पड़ताल
इस दावे की पड़ताल करने के लिए हमने वीडियो के कीफ्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। यहां हमें यह वीडियो AI Videos Arg नाम के एक यूट्यूब चैनल पर देखने को मिली। वीडियो को 29 जून 2025 को पोस्ट करके लिखा गया था “AI टूल्स से तैयार किए गए वीडियो” इस चैनल के डिस्क्रिप्शन में लिखा गया था “AI उपकरणों से निर्मित वीडियो” हमने इस चैनल के कई और वीडियो को सर्च किया। यहां हमें सभी वीडियो एआई से बने हुए मिले। चैनल पर अधिकतर वीडियो को एआई के माध्यम से बनाया गया था।
आगे हमने इस वीडियो के एआई डिटेक्शन टूल हाईव के माध्यम से चेक किया। यह वीडियो को एआई से बने होने के प्रतिशत का पता लगाने का काम करता है। यहां हमें वीडियो के 99.9% एआई से बने होने की जानकारी मिली थी।
पड़ताल का नतीजा
हमारी पड़ताल में यह साफ है कि वीडियो को एआई के माध्यम से बनाया गया है। वीडियो को असली घटना बताकर भ्रामक दावा किया जा रहा है।