Fact Check: कुपवाड़ा में दो कश्मीरियों की संपत्ति जब्त करने का दावा गलत, जानें क्या है वायरल तस्वीर का पूरा सच
Fact Check: कश्मीर में दो स्थानीय निवासियों को करोड़ों की संपत्ति को पुलिस द्वारा जब्त करने का दावा किया जा रहा है। इस दावे के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी के कहने पर ये जब्ती की गई है। पड़ताल में यह दावा भ्रामक निकला।

विस्तार
जम्मू कश्मीर में चुनावों का एलान हो चुका है 10 साल बाद कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। सोशल मीडिया पर हाल ही में एक फोटो वायरल हो रही है जिसमें कुछ पुलिस एक पोस्टर लेकर खड़ी है। इस पोस्टर पर लिखा है डिस्ट्रिक्ट पुलिस बारामूला।
क्या है दावा
इस तस्वीर को सोशल मीडिया एप एक्स पर कश्मीर इंग्लिश (@KashmirEng) नाम के एक अकाउंट ने शेयर करते हुए लिखा है “मोदी सरकार ने कुपवाड़ा जिले में दो कश्मीरियों की संपत्ति जब्त कर ली है, उन पर जनमत संग्रह की मांग का समर्थन करने का आरोप है। भारतीय पुलिस ने 2 कनाल और 6 मरला जमीन जब्त की।”
🚨 Modi government has seized the property of two Kashmiris in Kupwara district of IIOJK, accusing them of supporting the plebiscite demand.
Indian police confiscated 2 kanals and 6 marlas of land. pic.twitter.com/pU2DHQ3FMX — Kashmir English (@KashmirEng) August 28, 2024
पड़ताल
इस तस्वीर की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले गूगल पर वायरल तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च किया। गूगल रिजल्ट में हमें इससे संबंधित कुछ पुरानी खबरें मिली। यहां से यह संकेत तो मिल गया कि वायरल हो रही फोटो हाल फिलहाल की नहीं है। हमें जम्मू कश्मीर के कुछ स्थानीय मीडिया चैनलों स्टेट टाइम्स, डेली एक्सेलसियर पर इस खबर के बारे में जानकारी मिली।
और गहन पड़ताल के लिए हमने अमर उजाला के श्रीनगर न्यूज डेस्क के संपर्क किया। वहां से हमें जानकारी मिली कि ये खबर अमर उजाला ने 8 जून, 2024 को प्रकाशित की थी। इस खबर से हमें पता चला कि ये जून 2024 की घटना है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पाकिस्तान में बैठे सात आतंकी आकाओं की लाखों रुपये की संपत्तियां उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले में कुर्क कर लीं। इससे पहले यहां 2 मई को सात व 3 मई को एक आतंकी संपत्ति कुर्क की जा चुकी थी। बारामुला में अतिरिक्त सत्र अदालत द्वारा पारित कुर्की आदेश प्राप्त करने के बाद, पाकिस्तान में बैठे आतंकी आकाओं की 13 कनाल जमीन कुर्क की गई थी।
पड़ताल का नतीजा
पड़ताल से साफ हो गया कि वायरल की जा रही तस्वीर 2 महीने पुरानी है और किसी स्थानीय निवासी नहीं बल्कि पाकिस्तान में बैठे आतंकी आकाओं की संपत्ति को जब्त किया गया है।