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Fact Check: झूठा है बांग्लादेश में हिंदू बच्चे को जबरन कलाम पढ़वाने का दावा, पड़ताल में पढ़ें पूरी सच्चाई

फैक्ट चेक डेस्क , अमर उजाला Published by: अस्मिता त्रिपाठी Updated Tue, 22 Jul 2025 04:38 PM IST
सार

Fact Check: सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि बांग्लादेश में एक हिंदू बच्चे को जबरन कलमा पढ़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। हमने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। 

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Claims of forcibly teaching Kalam to a Hindu child in Bangladesh are false
फैक्ट चेक - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो शेयर किया जा रहा है। वीडियो में कुछ लोगों ने एक बच्चे को पकड़ रखा है। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि बांग्लादेश में स्थानीय मौलवी के आदेश पर एक हिंदू बच्चें को कलमा पढ़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

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अमर उजाला ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। हमने पाया कि वायरल वीडियो में कोई भी सांप्रदायिक एंगल नहीं है। बच्चे को कलाम पढ़ने के लिए मजबूर नहीं किया गया है। बल्कि बच्चा गलत गतिविधि में शामिल था। इस कारण से पुलिस ने उसे पकड़ा था।

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क्या है दावा

सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि बांग्लादेश में एक हिंदू बच्चे को कमला पढ़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। 
अभिजीत मजूमदार @abhijitmajumder नाम के एक्स यूजर ने फेसबुक पोस्ट में कहा, "बांग्लादेश में एक स्थानीय मौलवी के आदेश पर पुलिस एक हिंदू बच्चे को कलमा पढ़ने के लिए मजबूर कर रही है। आप पृष्ठभूमि में 'ला इलाहा' की आवाज़ सुन सकते हैं। वजह चाहे जो भी हो, इतने छोटे बच्चे के साथ यह कैसा बर्बर व्यवहार है?” पोस्ट का लिंक आप यहां और आर्काइव लिंक यहां देख सकते हैं।

इसी तरह के कई अन्य दावों के लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं। इनके आर्काइव लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं।

पड़ताल

इस दावे की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले वीडियो के कीफ्रेम को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। इस दौरान हमें जागो न्यूज24 की एक रिपोर्ट मिली। यह रिपोर्ट 18 जुलाई 2025 को प्रकाशित की गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि चपैनवाबगंज सदर पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी (ओसी) मतीउर रहमान और सब-इंस्पेक्टर (एसआई) अब्दुल हई का एक बच्चे पर बल प्रयोग करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह वीडियो कुछ दिन पहले फेसबुक पर देखा गया था, लेकिन शुक्रवार (18 जुलाई) को यह वायरल हो गया। सदर थाने के प्रभारी मतीउर रहमान ने बताया कि घटना 6 जुलाई को, चपैनवाबगंज में एनसीपी की जुलाई पदयात्रा के दिन हुई। बच्चा एनसीपी नेताओं के करीब गया था। राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उसे वहां से हटा दिया गया। बाद में, उसके पास से डैंडी नाम का नशीला पदार्थ मिला। हालांकि, उन्होंने बल प्रयोग के आरोप से इनकार किया।

आगे की पड़ताल में हमें डेली सोनारदेश की एक रिपोर्ठ मिली। यह रिपोर्ट 19 जुलाई 2025 को प्रकाशित की गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि सोशल मीडिया पर 28 सेकंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में सदर थाने के प्रभारी (ओसी) मतीउर रहमान एक बच्चे का हाथ पकड़े हुए दिखाई दे रहे हैं। एक अन्य पुलिसकर्मी बच्चे की टी-शर्ट का गला पकड़े हुए है, जबकि सदर थाने के सब-इंस्पेक्टर (एसआई) अब्दुल हई पीछे से उस पर जोर लगा रहे हैं। चपैनवाबगंज सदर मॉडल थाने के एसआई अब्दुल हई ने बताया कि बच्चे को दांडी खाने और नशीला पदार्थ रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।


यहां से पता चलाता कि बच्चे को पुलिस कलाम पढ़ाने के लिए नहीं पकड़ा था । बच्चे के पास से नशीला पदार्थ मिला। हालांकि हम अपनी पड़ताल में बच्चे की धर्म और नाम की पृष्टि नहीं कर रहे हैं। 

पड़ताल का नतीजा

हमने अपनी पड़ताल में वायरल वीडियो को भ्रामक पाया है। वीडियो को शेयर कर लोगों में भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है। 

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