Fact Check: झूठा है सोनम वांगचुक पर पाकिस्तानी एजेंट होने का आरोप लगाने का निर्देश जारी होने का दावा
Fact Check: सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें अतिरिक्त उपायुक्त गुलाम मोहम्मद कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि गृह मंत्री अमित शाह ने सोनम वांगचुक पर पाकिस्तानी एंजेट होने का आरोप लगाने का नर्देश दिया था। हमारी पड़ताल में यह दावा गलत निकला है।

विस्तार
सोशल मीडिया पर लेह के अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) गुलाम मोहम्मद का एक वीडियो शेयर किया जा रहा है, इस वीडियो में वह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कार्यालय से सोनम वांगचुक को पाकिस्तानी एजेंट बताने का निर्देश दिया गया था। वह वीडियो के एक हिस्से में कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि "जैसा कि आप सभी जानते हैं, कल लेह में जो दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई... उसमें 20 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। मैं लद्दाख के लोगों से अनुरोध करता हूं कि हमें गृह मंत्रालय ने सोनम वांगचुक को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था। हमें अमित शाह के कार्यालय ने सोनम वांगचुक पर पाकिस्तानी एजेंट होने का आरोप लगाने का आदेश दिया था..."
अमर उजाला ने अपनी पड़ताल में इस दावे को गलत पाया है। हमारी पड़ताल में सामने आया कि एडीसी की तरफ से यह नहीं कहा गया है। वीडियो को एडिट करके शेयर किया जा रहा है।
क्या है दावा
वीडियो शेयर करके दावा किया जा रहा है कि लेह के एडीसी गुलाम मोहम्मद ने आरोप लगाए हैं कि अमित शाह ने सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी का आदेश दिया था।
श्रेया वर्मा (@Shreya_Verma1) नाम की एक एक्स यूजर ने इस वीडियो को शेयर करके लिखा, “कमिश्नर गुलाम मोहम्मद के खुलासे ने इस शासन व्यवस्था की पोल खोल दी है। सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी कोई साधारण कार्रवाई नहीं थी, यह अमित शाह के सीधे आदेश पर की गई थी। भाजपा ने भारत के लोकतंत्र और नागरिकों के अधिकारों पर ऐसे घाव लगाए हैं जो बाहरी दुश्मन भी नहीं कर पाए। यह पार्टी अब जनता की प्रतिनिधि नहीं रही, बल्कि लोकतंत्र का हनन करने वाली बन गई है। अमित शाह और उनकी सरकार इतिहास में लोकतंत्र के गद्दार के रूप में जाने जाएंगे।” पोस्ट का लिंक और आर्काइव लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं।
इस तरह के कई और दावों के लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं। इसके आर्काइव लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं।
पड़ताल
इस दावे की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले इस दावे से जुड़े कीवर्ड को इंटरनेट पर सर्च किया, यहां हमें इससे जुड़ी कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली। कहीं भी सोनम वांगचुक को पाकिस्तानी एजेंट होने के बारे में मीडिया रिपोर्ट मौजूद नहीं थी।
इसके बाद हमने वीडियो को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। यहां हमें सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, लेह द्वारा 25 सितंबर, 2025 को यह वीडियो पोस्ट मिला। यह अधिकारिक वीडियो वायरल वीडियो से मेल खा रहा था। बैकग्राउंड, कपड़े और कैमरा की सेटिंग बिल्कुल समान थी।
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के फेसबुक पर गुलाम मोहम्मद का जो वीडियो शेयर किया गया था उसमें वह 24 सितंबर को लेह में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान घायल लोगों के बारे में जानकारी दे रहे थे। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से शांति बनाए रखने की अपील भी की। लेकिन उन्होंने कहीं भी गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा सोनम वांगचुक को पाकिस्तानी एजेंट बताने वाली बात नहीं बोली थी।
वायरल वीडियो में क्या बोला गया: “जैसा की हम सब जानते है कि कल जो दुर्भाग्यपूर्ण हादसा लेह में हुआ इसमें कुल 90 घायल लोग जिला अस्पताल में भर्ती हुए थे। उसमें चार की मौत और सात गंभीर रूप से घायल हुए थे। 20 लोग मेजर ट्रामा में थे। मैं लद्दाख की जनता ने विनती करता हूं कि हमें गृह मंत्रालय की तरफ से सोनम वांगचुक को अरेस्ट करने का ऑर्डर जारी किया गया था। हमें अमित शाह जी के ऑफिस से खुद हुक्म हुआ था कि सोनम वांगचुक पर पाकिस्तानी एजेंट होने का इल्जाम लगाना है। मैं लेह की जनता से विनती करता हुं कि हमारे पुलिस ऑफिसर पर अटैक न करें। अगर आपको कुछ करना है बीजेपी के कार्यकर्ताओं के ऑफिस पर जाएं और उनसे बात करें। हमारी इस गिरफ्तारी में कोई रोल नहीं हम सिर्फ सर्वेंट हैं।”
मूल वीडियो में क्या बोला गया: “जैसा की सब जानते है कि कल जो दुर्भाग्यपूर्ण हादसा यहां लेह में हुआ जिसमें कुल 90 घायल लोगों जिला अस्पताल में भर्ती हुए थे। इसमें 4 लोगों की मौत हुए थे। सात लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। मेजर ट्रॉमा में 20 लोग थे। माइनर ट्रामा में 61 लोग थे। इसमें से 50 लोगों को अस्पताल से अगले दिन डिस्चार्ज किया गया था। आज 25 तारीख को लेह से दिल्ली भेजे गए लोगों को वहां एडमिट किया गया। उनके परिवार से हमने अभी बात की है। वे सब बिल्कुल सेफ है। अभी जिला अस्पताल में 18 लोग भर्ती है। आज 11 लोग डिस्चार्ज हुए हैं। जिनकी मौत हुई है उनका पोस्टमार्टम करने के लिए बॉडी परिवार वालों को सौंप दी गई है। जिला प्रशासन की तरफ से यही अनुरोध है कि अमन को बरकरार रखें। 163 आज सुबह से लगी हुई है। सारे जितने भी हमारे धार्मिक संस्थान के लोग हैं या कि एसोसिएशन के लोग या बाकि आम लोग जो अपने घरों में रहते है वे अपने घर में रहें। अमन को बरकरार रखने की जरूरत है। जिला प्रशासन की तरफ से अनुरोध है अपने इलाके में अमन बरकरार रखें।
ऊपर लिखे गए दोनों बयानों में बहुत फर्क है। मूल बयान में कहीं भी सोनम वांगचुक और गृह मंत्रालय का नाम तक नहीं लिया गया है। लेकिन वायरल वीडियो में बयान बदला हुआ दिख रहा है।”
पड़ताल का नतीजा
हमारी पड़ताल में यह साफ है कि मूल बयान के एडिट कर सोनम वांगचुक और अमित शाह का नाम जोड़कर भ्रामक दावा किया जा रहा है।