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Fact Check: क्या पीएम मोदी ने संसद में कहा कि वह आरक्षण को पसंद नहीं करते? आधे-अधूरे वीडियो का ये है सच

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शिवेंद्र तिवारी Updated Sat, 10 Feb 2024 06:49 PM IST
सार

Fact Check: सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा कर दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरक्षण का विरोध किया है। हालांकि, पीएम मोदी का यह बयान का अधूरा हिस्सा है। जानते हैं वीडियो की असलियत...

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Fact Check: PM Modi did not say in Parliament that he does not like reservation
पीएम मोदी से जुड़े वीडियो का फैक्ट चेक - फोटो : Amar Ujala
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विस्तार
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मौजूदा लोकसभा का आखिरी सत्र शनिवार को समाप्त हो गया। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा और लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दिया था। इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा कर दावा किया जा रहा है कि पीएम ने आरक्षण का विरोध किया है। 
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क्या है दावा?
सोशल मीडिया खासकर एक्स पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक वीडियो क्लिप वायरल हो रही है। यूजर्स वीडियो को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि वह किसी भी आरक्षण को पसंद नहीं करते हैं खास कर नौकरी में। 

खुद को सपा की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य बताने वाली रजनी यादव एक्स पर वीडियो को पोस्ट किया है। रजनी ने लिखा, 'आरक्षण खत्म स्पष्ट रूप से खत्म हो गया। देश के प्रधानमंत्री मोदी ने सदन में स्पष्ट रूप से घोषणा कर दी मैं किसी भी आरक्षण को पसंद नहीं करता हूं खास कर नौकरी में आरक्षण नहीं होना चाहिए और मैं आरक्षण के खिलाफ हूं! जागो आदिवासियों जागो।'
 


इसी वीडियो को जन अधिकार पार्टी के सदस्य राम मिलन कुशवाहा ने भी पोस्ट किया और दावा किया कि मोदी सरकार आरक्षण विरोधी है।
 
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हमारी पड़ताल 
कथित दावे की हकीकत की जांच करने के लिए हमने पीएम मोदी द्वारा संसद में दिए गए हालिया भाषणों को सुना। प्रधानमंत्री मोदी ने 7 फरवरी 2024 को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दिया था। इस दौरान पीएम ने आरक्षण के विषय पर चर्चा की। उन्होंने कहा, 'एक बार नेहरू जी ने एक चिठ्ठी लिखी थी। और ये चिठ्ठी मुख्यमंत्रियों को लिखी थी, मैं उसका अनुवाद पढ़ रहा हूं। उन्होंने लिखा था, ये देश के प्रधानमंत्री पंडित नेहरू जी द्वारा उस समय के देश के मुख्यमंत्रियों को लिखी गई चिठ्ठी है, ऑन रिकॉर्ड है। मैं अनुवाद पढ़ता हूं- "मैं किसी भी आरक्षण को पसंद नहीं करता और खासकर नौकरी में आरक्षण तो कतई नहीं, मैं ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ हूं जो अकुशलता को बढ़ावा दे, जो दोयम दर्जे की तरफ ले जाए।" ये पंडित नेहरू की मुख्यमंत्रियों को लिखी हुई चिठ्ठी है। और तब जाकर के मैं कहता हूं, ये जन्मजात इसके विरोधी हैं।' 

पीएम मोदी ने कहा था, 'नेहरू जी कहते थे, अगर एससी, एसटी, ओबीसी को नौकरियों में आरक्षण मिला तो सरकारी काम का स्तर गिर जाएगा। और आज जो आंकड़े गिनाते हैं ना, इतने यहां हैं, इतने यहां हैं, उसका मूल तो यहां है। क्योंकि उस समय तो उन्होंने रोक दिया था, भर्ती ही मत करो। अगर उस समय सरकार में भर्ती हुई होती और वो प्रमोशन करते-करते आगे बढ़ते, तो आज यहां पर पहुंचते।'



पीएम नरेंद्र मोदी का यह भाषण प्रधानमंत्री की आधिकारिक वेबसाइट www.pmindia.gov.in पर भी मौजूद है। 

इससे स्पष्ट है कि पीएम मोदी ने आरक्षण का विरोध नहीं किया है। प्रधानमंत्री का जो बयान वायरल हो रहा है उसमें वो पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के कथन की बात कर रहे थे। 

पड़ताल का नतीजा
हमारी पड़ताल से साफ है कि प्रधानमंत्री मोदी का सदन में यह बयान नहीं दिया कि वह किसी भी आरक्षण को पसंद नहीं करते हैं। दरअसल, पीएम ने पंडित नेहरू के बयान का संदर्भ दिया था जबकि वायरल वीडियो इस हिस्से को काट दिया गया है। इस तरह से पीएम मोदी के बयान का आधा-अधूरा वीडियो वायरल किया जा रहा है।
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