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Fact Check: मुबंई के अंधेरी वेस्ट में पुलिस के मॉक ड्रिक के वीडियो को आतंकियों की गिरफ्तारी का बताकर शेयर

फैक्ट चेक डेस्क, अमर उजाला Published by: संध्या Updated Sat, 22 Nov 2025 07:29 PM IST
सार

Fact Check: सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है। वीडियो में दावा किया जा रहा है कि पुलिस ने आतंकियों को पकड़ा है।
 

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Fact Check Video of a police mock drill in Andheri West, Mumbai, shared as the arrest of terrorists.
फैक्ट चेक - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया गया, जिसमें सुरक्षा अधिकारियों के एक समूह द्वारा दो लोगों को बंदूक की नोक पर पकड़ा गया। वीडियो को शेयर करके दावा किया जा रहा है कि 15 नवंबर को अंधेरी वेस्ट के कामधेनु शॉपिंग कॉम्प्लेक्स से मुंबई पुलिस ने दो आतंकवादियों को पकड़ा था। 

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अमर उजाला ने अपनी पड़ताल में इस वीडियो को गलत पाया है। यह मुंबई पुलिस द्वारा की गई एक मॉक ड्रिल का वीडियो था, न कि किसी आतंकियों के पकड़े जाने का। एक मॉक ड्रिल के वीडियो को असली घटना बताकर भ्रामक दावा किया जा रहा है। 

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क्या है दावा 

इस वीडियो को शेयर करके दावा किया जा रहा है कि मुंबई पुलिस ने अंधेरी पश्चिम के कामधेनु शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में दो आतंकियों को गिरफ्तार किया है। 

दिव्या सिंह शर्मा (@DivyaDee) नाम के एक एक्स यूजर ने इस वीडियो को शेयर करके लिखा “अंधेरी वेस्ट लोखंडवाला से आतंकवादी गिरफ्तार। यह कामधेनु शॉपिंग कॉम्प्लेक्स है, मेरे घर से कुछ मीटर दूर। कुछ इस्लाम समर्थक कहते हैं, "आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। मैं कहती हूँ, "लेकिन सभी आतंकवादियों का धर्म एक ही क्यों होता है?" पोस्ट का लिंक और आर्काइव लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं। 

इस तरह के कई और दावों के लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं। इसके आर्काइव लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं। 
 

पड़ताल 

इस वीडियो की पड़ताल करने के लिए हमने कीवर्ड का इस्तेमाल करके इस बारे में कोई मीडिया रिपोर्ट सर्च करने की कोशिश की। यहां हमें कोई ऐसी विश्वसनीय रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें बताया गया हो कि मुंबई में दो आतंकवादियों की गिरफ्तारी हुई है। दिल्ली के लाल किले के पास हुए हालिया आतंकवादी हमले के बाद दो आतंकवादियों की गिरफ्तारी से जुड़ी घटना को बड़ी खबर होनी चाहिए थी। लेकिन किसी भी मीडिया रिपोर्ट में हमें यह खबरे देखने को नहीं मिली। 

आगे जांच करने पर हमें 16 नवंबर को फ्री प्रेस जर्नल द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट में वायरल वीडियो से मेल खाते स्क्रीनशॉट मौजूद थे। इसमें बताया गया था कि ये दृश्य मुंबई पुलिस द्वारा आयोजित एक मॉक ड्रिल के थे, न कि किसी आंतकी गिरफ्तारी के। रिपोर्ट में ओशिवारा पुलिस के एक बयान का भी हवाला दिया गया था कि जिसमें बताया गया था कि वीडियो एक मॉक ड्रिल का है।

 

 

आगे हमें न्यूज एजेंसी यूएनआई की एक रिपोर्ट मिली। इसे 16 नवंबर को प्रकाशित किया गया था। इस रिपोर्ट में बताया गया था कि “अंधेरी वेस्ट के लोखंडवाला इलाके में दो आतंकवादियों को गिरफ्तार किए जाने के वीडियो को पुलिस ने इसे गुमराह करने वाला बताया है। फुटेज में कामधेनु शॉपिंग सेंटर के पास दो लोगों को हिरासत में लिया जा रहा है, जिससे ऑनलाइन एंटी-टेरर ऑपरेशन के बारे में बड़े पैमाने पर अटकलें लगाई जा रही हैं।

ओशिवारा पुलिस ने साफ किया है कि यह वीडियो असल में मुंबई पुलिस द्वारा आतंकवादी हमले की स्थिति में फोर्स की तैयारी दिखाने के लिए की गई एक मॉक ड्रिल का है। अधिकारियों ने कहा कि फुटेज को गलत तरीके से पेश किया गया था, क्योंकि किसी अनजान व्यक्ति ने लोखंडवाला में ड्रिल को रिकॉर्ड किया और इसे इस झूठे दावे के साथ ऑनलाइन शेयर किया कि यह एक असली गिरफ्तारी है।”

 

 

पड़ताल का नतीजा 

हमारी पड़ताल में साफ है कि मॉक ड्रिल के वीडियो को आतंकियों की गिरफ्तारी का बताकर भ्रामक दावा किया जा रहा है। 

 

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