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Fact Check: भ्रामक है बांग्लादेश में हिंदू शिक्षक को जूते-चप्पल की माला पहनाने का वीडियो, पड़ताल में पढ़ें सच

फैक्ट चेक डेस्क , अमर उजाला Published by: अस्मिता त्रिपाठी Updated Tue, 01 Jul 2025 05:48 PM IST
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सार

Fact Check: सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि बांग्लादेश में एक हिंदू शिक्षक को जूता- चप्पल की माला पहनाई गई है। हमारी पड़ताल में वायरल दावा गलत साबित हुआ है। 

In Bangladesh a Hindu teacher wearing a garland of shoes and slippers
फैक्ट चेक - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है। वीडियो में एक शख्स जूता-चप्पल की माला पहने नजर आ रहा है। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है यह घटना बांग्लादेश की है। इसके साथ ही माला पहना व्यक्ति हिंदू है।

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अमर उजाला ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। हमने पाया है कि वीडियो में नजर आ रहे शख्स अहमद अली हैं। अली ने पैगंबर मोहम्मद के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी। इस कारण से भीड़ उनके साथ हिंसक हो गई।  

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क्या है दावा

सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि बांग्लादेश में एक हिंदू शिक्षक पर भीड़ ने हमला कर दिया है। 
शशांक शेखर झा (@shashank_ssj) नाम के एक्स यूजर ने लिखा “बांग्लादेश हिंदू अल्पसंख्यकों के लिए कब्रगाह बन गया है। 40 साल तक काम करने वाले एक हिंदू शिक्षक को अब इस्लामवादियों द्वारा चप्पलों की माला पहनाकर अपमानित किया जा रहा है। भारतीय विदेश मंत्रालय को इस बात का ध्यान देना चाहिए।” पोस्ट का लिंक आप यहां और आर्काइव लिंक यहां देख सकते हैं।

इसी तरह के कई अन्य दावों के लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं। इनके आर्काइव लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं।

पड़ताल 

इस दावे की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले वीडियो के कीफ्रेम को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। इस दौरान हमें ढाका टाइम्स की रिपोर्ट मिली। यह रिपोर्ट 15 जून 2025 को प्रकाशित की गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि राजबाड़ी के बलियाकांडी में एक सेवानिवृत्त सामुदायिक चिकित्सा अधिकारी को पैगंबर मुहम्मद का अपमान करने के लिए गुस्साई भीड़ ने पीटा। पीड़ित अहमद अली उसी उपजिला के नवाबपुर संघ के टेकाटी गांव का निवासी है।

आगे की पड़ताल में हमें बांग्लादेश के कालेरकांठो अखबार की एक रिपोर्ट मिली। यह रिपोर्ट 15 जून 2025 को प्रकाशित की गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि राजबाड़ी में पिटाई के बाद स्थानीय लोगों ने डॉक्टर को जूतों की माला पहनाई।

 

इसके बाद सीए प्रेस विंग फैक्ट की रिपोर्ट मिली। सीए प्रेस विंग बांग्लादेश की सरकरी फैक्ट चेक विंग है। इस रिपोर्ट में वायरल दावे को भ्रामक बताया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि वीडियो में दिखाया गया व्यक्ति दशकों से सेवारत कोई हिंदू शिक्षक नहीं है। वह अहमद अली है, जो मुस्लिम है और राजबारी जिले के बलियाकांडी उपजिला के टेकाटी गांव का सामुदायिक चिकित्सा अधिकारी है।

पड़ताल का नतीजा 

हमने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को भ्रामक पाया है। वीडियो में नजर आ रहे शख्स का हिंदू धर्म से कोई संबंध नहीं है।  वायरल वीडियो में नजर आ रहे आदमी को हिंदू बताकर लोगों में भ्रम फैलाया जा रहा है। 

 

 

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